ओमीक्रोन के खिलाफ असरदार साबित हो रही है ये दवा, जानिए लैब स्टडी में हुआ खुलासा
देश और दुनिया में कोरोना वायरस के कारण हाहाकार मचा हुआ है. वहीं अब कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के कारण लोगों में दहशह फैली हुई है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| देश और दुनिया में कोरोना वायरस के कारण हाहाकार मचा हुआ है. वहीं अब कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के कारण लोगों में दहशह फैली हुई है. इस बीच अमेरिकी दवा निर्माता फाइजर ने तीन प्रयोगशाला अध्ययन (लैब स्टडी) जारी किए हैं, जिससे पता चला है कि इसकी एंटीवायरल पैक्सलोविड दवा कोविड-19 के ओमिक्रोन वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है. हालांकि अभी तक इन लैब स्टडी की पूर्ण रूप से समीक्षा की जानी बाकी है.
एक बयान में, फाइजर ने उल्लेख किया कि इन व्रिटो अध्ययनों से पता चलता है कि पैक्सलोविड में ओमिक्रोन को कोशिकाओं में प्रतिकृति से रोकने के लिए आवश्यक मात्रा से कई गुना अधिक प्लाज्मा कॉन्सन्ट्रैशन बनाए रखने की क्षमता है. फाइजर के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी मिकेल डोलस्टन ने बयान में कहा, हमने विशेष रूप से पैक्सलोविड को सभी प्रकार के कोरोना वायरस को लेकर इसकी गतिविधि को बनाए रखने के लिए डिजाइन किया है. इसके साथ ही इसे मुख्य रूप से स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन के साथ चिंता के वर्तमान वैरिएंट्स (वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न) को लेकर भी डिजाइन किया गया है.
उन्होंने कहा, इन आंकड़ों से पता चलता है कि हमारी ओरल (मुंह के द्वारा ली जाने वाली) कोविड-19 थेरेपी इस विनाशकारी वायरस और चिंता के वर्तमान वेरिएंट्स के खिलाफ हमारी निरंतर लड़ाई में एक महत्वपूर्ण और प्रभावी उपकरण हो सकती है, जिसमें अत्यधिक तेजी से फैलने वाला ओमिक्रोन भी शामिल है. क्लीनिकल निष्कर्षों ने पहले दिखाया था कि लक्षण शुरू होने के पांच दिनों के भीतर इलाज करने पर पैक्सलोविड उच्च जोखिम वाले रोगियों के लिए प्लेसबो की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु के जोखिम को लगभग 90 प्रतिशत तक कम कर देती है.
मरीज के लिए पैक्सलोविड की कुल 30 गोलियों का एक सैट आएगा. लगातार पांच दिनों तक तीन गोलियां दिन में दो बार लेनी होगी. इन तीन गोलियों में निर्माट्रेलवीर की दो गोलियां और रिटोनवीर की एक गोली शामिल होगी. इसमें निर्माट्रेलवीर वह होता है, जो वायरस को दोहराने से रोकने के लिए एक सार्स-सीओवी-2 प्रोटीन को रोकता है, और रिटोनवीर शरीर में लंबे समय तक उच्च सांद्रता में बने रहने में मदद करने के लिए निर्माट्रेलवीर के टूटने को धीमा कर देता है.
देखा गया सुधार
फाइजर की एंटीवायरल दवा पैक्सलोविड लेने वाले 90 फीसदी से अधिक कोविड रोगियों में तीन दिनों के भीतर महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है. जेरूसलम पोस्ट ने हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया है कि इजरायल की मैकाबी हेल्थकेयर सर्विसेज की रिपोर्ट से पता चला है कि पैक्सलोविड प्राप्त करने वाले 60 प्रतिशत लोगों ने पहले दिन के भीतर बेहतर महसूस करना शुरू कर दिया था.
मैकाबी डिवीजन की प्रमुख डॉ. मिरी मिजराही रेवेनी ने कहा, हम किसी को भी, जो कोविड से बीमार हो गए हैं और जो इस दवा के साथ इलाज के लिए उपयुक्त पाए जाते हैं, उन्हें इसे लेने और उस गंभीर बीमारी से बचने की सलाह देते हैं, जिससे अस्पताल में भर्ती होने की संभावना होती है और यहां तक कि मौत भी हो सकती है. उन्होंने कहा, सर्वेक्षण के परिणाम उपचार की गुणवत्ता, इसकी प्रभावशीलता और कोरोनोवायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई के दौरान और विशेष रूप से वर्तमान लहर के बीच में महत्व को इंगित करते हैं.
काफी प्रभावी है दवा
फाइजर द्वारा किए गए व्रिटो अध्ययन के परिणामों में देखा गया है कि यह दवा काफी प्रभावी है और नए ओमिक्रोन वेरिएंट पर भी इसका अच्छा असर देखने को मिला है. पहले दो स्टडी के बाद तीसरा अध्ययन, फाइजर के सहयोग से माउंट सिनाई (इकान माउंट सिनाई) में इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा किया गया, जिसमें सार्स-सीओवी-2-विशिष्ट इम्यूनोफ्लोरेसेंस-आधारित परख का उपयोग किया गया.
इस परख में, अल्फा, बीटा, डेल्टा और ओमिक्रोन वेरिएंट के खिलाफ दो सेल लाइनों में उपचार का परीक्षण किया गया. दवा की प्रभावकारिता ने संकेत दिया कि इसमें संक्रमण को कमजोर करने के लिए आवश्यक क्षमता है. ये निष्कर्ष कई अन्य अध्ययनों के अनुरूप हैं और फाइजर के निष्कर्षों की पुष्टि प्रदान करते हैं कि यह दवा साधारण कोविड के साथ ही ओमिक्रॉन के खिलाफ भी प्रभावी है.
उन्होंने कहा, इन आंकड़ों से पता चलता है कि हमारी ओरल (मुंह के द्वारा ली जाने वाली) कोविड-19 थेरेपी इस विनाशकारी वायरस और चिंता के वर्तमान वेरिएंट्स के खिलाफ हमारी निरंतर लड़ाई में एक महत्वपूर्ण और प्रभावी उपकरण हो सकती है, जिसमें अत्यधिक तेजी से फैलने वाला ओमिक्रोन भी शामिल है. क्लीनिकल निष्कर्षों ने पहले दिखाया था कि लक्षण शुरू होने के पांच दिनों के भीतर इलाज करने पर पैक्सलोविड उच्च जोखिम वाले रोगियों के लिए प्लेसबो की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु के जोखिम को लगभग 90 प्रतिशत तक कम कर देती है.
मरीज के लिए पैक्सलोविड की कुल 30 गोलियों का एक सैट आएगा. लगातार पांच दिनों तक तीन गोलियां दिन में दो बार लेनी होगी. इन तीन गोलियों में निर्माट्रेलवीर की दो गोलियां और रिटोनवीर की एक गोली शामिल होगी. इसमें निर्माट्रेलवीर वह होता है, जो वायरस को दोहराने से रोकने के लिए एक सार्स-सीओवी-2 प्रोटीन को रोकता है, और रिटोनवीर शरीर में लंबे समय तक उच्च सांद्रता में बने रहने में मदद करने के लिए निर्माट्रेलवीर के टूटने को धीमा कर देता है.
देखा गया सुधार
फाइजर की एंटीवायरल दवा पैक्सलोविड लेने वाले 90 फीसदी से अधिक कोविड रोगियों में तीन दिनों के भीतर महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है. जेरूसलम पोस्ट ने हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया है कि इजरायल की मैकाबी हेल्थकेयर सर्विसेज की रिपोर्ट से पता चला है कि पैक्सलोविड प्राप्त करने वाले 60 प्रतिशत लोगों ने पहले दिन के भीतर बेहतर महसूस करना शुरू कर दिया था.
मैकाबी डिवीजन की प्रमुख डॉ. मिरी मिजराही रेवेनी ने कहा, हम किसी को भी, जो कोविड से बीमार हो गए हैं और जो इस दवा के साथ इलाज के लिए उपयुक्त पाए जाते हैं, उन्हें इसे लेने और उस गंभीर बीमारी से बचने की सलाह देते हैं, जिससे अस्पताल में भर्ती होने की संभावना होती है और यहां तक कि मौत भी हो सकती है. उन्होंने कहा, सर्वेक्षण के परिणाम उपचार की गुणवत्ता, इसकी प्रभावशीलता और कोरोनोवायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई के दौरान और विशेष रूप से वर्तमान लहर के बीच में महत्व को इंगित करते हैं.
काफी प्रभावी है दवा
फाइजर द्वारा किए गए व्रिटो अध्ययन के परिणामों में देखा गया है कि यह दवा काफी प्रभावी है और नए ओमिक्रोन वेरिएंट पर भी इसका अच्छा असर देखने को मिला है. पहले दो स्टडी के बाद तीसरा अध्ययन, फाइजर के सहयोग से माउंट सिनाई (इकान माउंट सिनाई) में इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा किया गया, जिसमें सार्स-सीओवी-2-विशिष्ट इम्यूनोफ्लोरेसेंस-आधारित परख का उपयोग किया गया.
इस परख में, अल्फा, बीटा, डेल्टा और ओमिक्रोन वेरिएंट के खिलाफ दो सेल लाइनों में उपचार का परीक्षण किया गया. दवा की प्रभावकारिता ने संकेत दिया कि इसमें संक्रमण को कमजोर करने के लिए आवश्यक क्षमता है. ये निष्कर्ष कई अन्य अध्ययनों के अनुरूप हैं और फाइजर के निष्कर्षों की पुष्टि प्रदान करते हैं कि यह दवा साधारण कोविड के साथ ही ओमिक्रॉन के खिलाफ भी प्रभावी है.