भले ही आप गर्भावस्था के समय कई प्रकार के विटामिन्स खा रहें हों लेकिन आपके प्रतिदिन के भोजन में विटामिन्स की मात्रा सही रूप में होना आवश्यक है। एक्सपर्ट्स का मानना है की एक गर्भवती महिला को ज्यादा-से-ज्यादा वैरायटी में आहार खाना चाहिए इससे अलग-अलग प्रकार के विटामिन्स और मिनरल्स बच्चे को माँ के गर्भ में बढ़ने के लिए मदद करते हैं। आइये जानते हैं किस तरह का आहार गर्भावस्था के दौरान फायदेमंद रहता हैं।
दूध और डेयरी उत्पाद
मलाईरहित (स्किम्ड) दूध, दही, छाछ, पनीर। इन खाद्य पदार्थों में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन बी -12 की उच्च मात्रा होती है। अगर आपको लैक्टोज असहिष्णुता है, या फिर दूध और दूध से बने उत्पाद नहीं पचते, तो अपने खाने के बारे में डॉक्टर से बात करें।
फल और सब्जियाँ
अपने खाने का पाँचवा भाग फल और सब्जियों के रूप में आहार के रूप में सेवन करें। चाहें वह सुखा हो, जूस हो, फ्रिज में जमाया हुआ हो या पूरी तरीके से फ्रेश हो। गर्भवती महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों और फल अपने प्रेगनेंसी के दुसरे और तीसरे तिमाही में सेवन करना चाहिए। ऐसी कुछ हरी सब्जियां हैं- पालक, गोभी, गाजर, मटर इत्यादि।
अंडे
अंडे प्रोटीन के सबसे कमाल के स्रोतों में से एक हैं। अंडे में मौजूद एमिनो एसिड की संरचना हमारे शरीर के एमिनो एसिड की संरचना से बहुत-जुलता है। हमारे शरीर का लगभग 10% हिस्सा प्रोटीन से बना है। गर्भावस्था भ्रूण के निरंतर विकास का चरण होता है । अत: शरीर की मांसपेशियों , त्वचा, अंगों और ऊतकों को बनाने के लिए प्रोटीन की निरंतर आपूर्ति की जरूरत होती है। इसलिए, दिन में कम से कम दो अंडे जरूर लें।
नाज, साबुत व पूर्ण अनाज, दाल और मेवे
अगर आप मांस नहीं खाती हैं, तो ये सब प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। शाकाहारीयों को प्रोटीन के लिए प्रतिदिन 45 ग्राम मेवे और 2/3 कप फलियों की आवश्यकता होती है। एक अंडा, 14 ग्राम मेवे या ¼ कप फलियां लगभग 28 ग्राम मांस, मुर्गी या मछली के बराबर मानी जाती हैं।
बाहर का खाना
यह काम तो कभी भी करने का ना सोचें। बाहर का खाना कभी भी ना खाएं यह आपके बच्चे और आपके लिए बहुत ही हानिकारक है। Pregnancy के समय में बहार का खाना आपके लिए बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन का कारण भी बन सकता है।