प्रेग्नेंसी में स्पॉटिंग के साथ दिख रहा है ये लक्षण, तो तुरंत मिलाएं डॉक्टर को कॉल
गर्भावस्था की पहली तिमाही में स्पॉटिंग या हल्की ब्लीडिंग होना नॉर्मल बात है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: गर्भावस्था की पहली तिमाही में स्पॉटिंग या हल्की ब्लीडिंग होना नॉर्मल बात है और इसे लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। लगभग 20 से 25 फीसदी महिलाओं को पहले तीन महीनों में स्पॉटिंग होती है और कई बार तो दूसरी तिमाही में भी स्पॉटिंग हो जाती है।
कुछ मामलों में स्पॉटिंग होना, गंभीर विषय होता है। अगर आपको यहां बताए गए चार कारणों की वजह से स्पॉटिंग हो रही है, तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
हैवी हो रही है ब्लीडिंग
स्पॉटिंग का मतलब हल्की ब्लीडिंग से है। ये पीरियड्स की तरह नहीं होती है जिसमें आपको हैवी ब्लीडिंग हो और थोड़ी-थोड़ी देर में टैंपोन या पैड बदलने की जरूरत पड़े। अगर आपको प्रेग्नेंसी में स्पॉटिंग की वजह से पीरियड्स की ही तरह पैड बदलना पड़ रहा है, यह चिंता की बात है। मध्यम से हैवी ब्लीडिंग होने पर आपको तुरंत गायनेकोलोजिस्ट से बात करनी चाहिए।
स्पॉटिंग के साथ कमर दर्द
यदि प्रेग्नेंसी में स्पॉटिंग के साथ तेज कमर दर्द भी हो रहा है, तो यह अच्छा संकेत नहीं है। मासिक धर्म के दौरान ऐंठन और कमर दर्द होना आम बात है लेकिन प्रेग्नेंसी में ऐसा होना किसी गंभीर समस्या का संकेत होता है। आपको इस बात को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अगर स्पॉटिंग के साथ बुखार और ठंड भी लग रही है, तो डॉक्टर को दिखाएं।
खून का रंग गहरा हो
हैवी ब्लीडिंग ही नहीं बल्कि खून के रंग से भी आप पता लगा सकती हैं कि बात सीरियस है या नहीं। अगर भूरे की जगह खून का रंग चमकीला लाल है, तो यह आपके लिए चिंता की बात हो सकती है। कई बार ब्लीडिंग में खून के थक्के या ऊतक भी आ जाते हैं जो कि नॉर्मल बात नहीं है।
चक्कर आ रहे हैं
हैवी स्पॉटिंग के साथ चक्कर आना और प्रेग्नेंसी लक्षणों का कम होना भी किसी मुसीबत का संकेत है। चक्कर आना और गर्भावस्था के लक्षणों में कमी आना मिसकैरेज का संकेत हो सकता है इसलिए समय बर्बाद किए बिना ही डॉक्टर से बात करें।
क्या कहती हैं डॉक्टर
आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. सुची कालिया कहती हैं कि प्रेग्नेंसी के किसी भी महीने में स्पॉटिंग या ब्लीडिंग होना ठीक नहीं है और खासतौर पर पहले तीन महीनों में ऐसा होना किसी परेशानी की ओर संकेत करता है। उनका कहना है कि पूरे नौ महीनों में कई कारणों से गर्भवती महिला को ब्लीडिंग हो सकती है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
अब अगर आपको खासतौर पर प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में स्पॉटिंग या ब्लीडिंग हो रही है, तो इसे इग्नोर न करें और तुरंत डॉक्टर को इस बारे में बताएं।