ये संकेत दर्शाते हैं बच्चों में आई कमजोरी, जानें इसे दूर करने के आहार
जानें इसे दूर करने के आहार
घर में बच्चे हंसते-खेलते रहते हुए अच्छे लगते हैं। वे पूरे दिन चहलकदमी करते हैं तो घर में रौनक बनी रहती हैं। बच्चे काफी एनर्जेटिक होते हैं। दिनभर पढ़ाई-लिखाई और खेलकूद के बावजूद वे जल्दी थकान महसूस नहीं करते हैं। ऐसे में अगर आपका बच्चा खेलने कूदने में रूचि न लेकर चुपचाप बैठा रहता है और अच्छा महसूस नहीं करता हैं, तो यह शारीरिक कमजोरी का कारण हो सकता हैं। वहीं जब बच्चों की तबीयत खराब हो जाती हैं तो घर में शांति छा जाती हैं। ऐसे में जब भी बच्चों के शरीर में कमजोरी आने लगे तो उचित उपाय करने की जरूरत होती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बच्चों में आई कमजोरी के संकेत और इसे दूर करने के लिए उन्हें दी जाने वाले आहार की जानकारी लेकर आए हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में...
पैर में कमजोरी
पोषण की कमी से बच्चों को चलने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा कई बच्चे अच्छे से चलने की उम्र में भी रेंगकर चलते हैं या सीढियों पर बैठकर चलते हैं। साथ ही अगर आपके बच्चे को खड़े होने, दौड़ने और कूदने में परेशानी होती है, तो ये बच्चे में कमजोरी के लक्षण हो सकते हैं। ये कैल्शियम की कमी के संकेत हो सकते हैं।
दिनभर थकान बने रहना
यदि बच्चे की बॉडी डल बनी रहती है। न खेलता है और न ही किसी काम में दिलचस्पी है। सिर में दर्द की भी शिकायत करता है तो इस समय बच्चे के प्रति थोड़ा अटेंशन होने की जरूरत है। ये बच्चे की हेल्थ नासाज होने के लक्षण हैं। ऐसी स्थिति आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
कन्धों में दर्द
स्कूल जाने बच्चों में भी कई बार लिखने-पढ़ने, खुद से खाने, ड्राइंग करने या कंघी करने में परेशानी हो सकती है। उन्हें बैग उठाने, दरवाजा खोलने और शर्ट के बटन लगाने में भी परेशानी हो सकती है।
सांस लेने में तकलीफ होना
दौड़ने पर सांस और हार्ट की स्पीड बढ़ना नार्मल है। कोई भी छोटा या बड़ा बच्चा दौड़ता है या तेज कदमों से चलता है तो इस कंडीशन में हार्ट स्पीड बढ़ जाती है। लेकिन यदि खेलने के दौरान सांस फूलने लगे और सीने में दर्द होने लगे तो सचेत होने की जरूरत है।
चेहरे का सूखना
बच्चे में कमजोरी का सबसे पहले लक्षणों में चेहरे का सूखना, होठों फटना, आंखों के नीचे काले घेरे आना और चेहरे पर रैशेज आना जैसी तकलीफ हो सकती है। इसके अलावा बच्चे को बोलने, निगलने और चूसने में भी परेशानी होती है। कई बच्चों की मुस्कान या चेहरा टेढ़ा होने की परेशानी भी हो सकती है।
बुखार और सर्दी-जुकाम
शरीर के कमजोर इम्यून सिस्टम और किसी बीमारी के कारण बच्चे में बार-बीर बीमार पड़ सकते हैं। सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार आना, पेट दर्द और खाना सही ढंग से न पच पाना। ये सभी समस्याएं किसी बीमारी या कमी के संकेत हो सकते है। इसके लिए आपको बच्चे के खानपान और स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।
कमजोरी दूर करने के लिए आहार
बच्चे को टमाटर का सूप, चिकन सूप या उसकी मनपसंद सब्जी का सूप बनाकर पिलाएं। सूप आसानी से डाइजेस्ट हो जाएगा और बच्चों को सूप के साथ अनाज मिलाकर जैसे चावल या आटा थोड़ा सा मिलाकर खिला सकते हैं। इससे एनर्जी मिलेगी और पेट भी भरेगा।
दाल
दालें प्रोटीन की सबसे बड़ी स्रोत हैं। दाल के पानी में भी पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। अगर आपका बच्चा कमजोर है तो उसका वजन बढ़ाने के लिए उसे नियमित रूप से दाल का पानी पीने को दें। इससे बच्चों का वजन तेजी से बढ़ता है।
पनीर
पनीर में उच्चल मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है और ये कैल्शियम से भी युक्ते होता है। बच्चेप को पनीर खिलाने से उसकी हड्डियां और दांत मजबूत होते हैं। इसमें मौजूद विटामिन-बी की उच्चे मात्रा बोन कार्टिलेज को बनाने में सुधार करती है। इसमें डायट्री फाइबर और प्रोटीन होते हैं जो इम्यू निटी को मजबूत करते हैं। बच्चे् के विकास के लिए जरूरी पोषण भी पनीर से लिया जा सकता है।
आंवला
आंवला प्रचुर मात्रा में विटामिन सी से भरपूर होता है। इसलिए आंवला के सेवन से इम्यूनिटी और उनका पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसके अलावा बच्चे के पेट में कब्ज की समस्या नहीं होने देता है। इसके साथ ही इससे बच्चे की भूख भी बढ़ती है। ऐसे में बच्चों को आंवले का मुरब्बा और कैंडी आसानी से खिलाई जा सकती है।