दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर हिस्सों में मौसम लगातार करवट ले रहा है। कभी भीषण गर्मी से पसीने छूट जाते हैं तो कभी बरसात के मौसम में राहत मिलती है। मई-जून में गर्मी सबसे ज्यादा होती है, लेकिन इस साल मई में ही नहीं जून में भी बादल छाए रहते हैं और कभी भी बारिश शुरू हो जाती है। बारिश भले ही गर्मी में राहत लेकर आती हो, लेकिन लगातार बदलता मौसम भी परेशानी या परेशानी का सबब बन जाता है। सेहत से लेकर त्वचा संबंधी समस्याएं लगातार परेशान कर रही हैं।बदलते मौसम में लोगों को त्वचा पर खुजली, फंगल इंफेक्शन समेत कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। क्या आप भी इस बदलते मौसम में त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं? इन उपायों से गर्मी हो या बारिश में भी अपनी त्वचा की बेहतर देखभाल करें।
मौसम में बदलाव के कारण त्वचा पर ये समस्याएं होने लगती हैं
बरसात के मौसम में फंगल इंफेक्शन ज्यादा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ गर्मी ही नहीं बारिश भी त्वचा पर रैशेज का कारण बन सकती है। गर्मी और अचानक बारिश के कारण आद्रता बढ़ जाती है। पसीना त्वचा पर आता है और वह गंदगी में मिल जाता है, जिससे हमें फंगस, खुजली या लालपन होने लगता है। मौसम में मौजूद नमी भी त्वचा पर दिक्कतों को बढ़ाने का काम करती है।
गर्मी हो या बारिश में ऐसे रखें स्किन का ख्याल
गर्मी हो या कोई भी मौसम, हमेशा सूती कपड़े से बने कपड़े ही पहनें। यह पसीना आसानी से सोख लेता है। पुरुषों और बच्चों को इस स्थिति में बनियान अंदर रखना चाहिएगर्म या उमस भरे मौसम में गलती से भी टाइट कपड़े न पहनें क्योंकि इससे त्वचा पर रगड़ लगती है और खुजली या फंगल की शिकायत हो जाती है। तंग कपड़ों में त्वचा सांस नहीं ले पाती।
कोशिश करें कि दिन में कम से कम दो बार नहाएं क्योंकि ऐसा करने से गर्मी नहीं लगती और त्वचा संबंधी कई समस्याओं का खतरा भी कम हो जाता है।आप चाहें तो नहाने के पानी में नीम, तुलसी या गुलाब की पंखुड़ियां डालकर नहा सकते हैं। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट या अन्य गुण त्वचा को कील-मुंहासों, खुजली और रैशेज से बचाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इन हर्बल चीजों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा संबंधी समस्याओं का देसी तरीके से इलाज करते हैं।