जनता से रिश्ता वेबडेस्क। फाइबर शरीर के लिए एक आवश्यक तत्व होता है जो पाचन तंत्र को सही ढंग से काम करने में मदद करता है और भूख शांत होने में भी लाभदायक होता है। इसका सेवन करने से पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, उल्टियां, कब्ज आदि का समाधान किया जा सकता है। यह एक प्राकृतिक प्री-बायोटिक का काम करता है जो पेट और पाचन तंत्र के स्वास्थ्य के लिए बढ़िया है। आपको बचपन से ही बच्चों को फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों को खाने की आदत डाल देनी चाहिए ताकि वह बाद में इस तरह के खाने को खाते समय नखरे आदि न करें। आइए जानते हैं कुछ ऐसे फाइबर फूड के बारे में जो बच्चों को जरूर खिलाया जाना चाहिए।
किस उम्र में कितना फाइबर खाने की जरूरत पड़ती है?
कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में सीनियर पीडियाट्रिशन डॉक्टर अमित गुप्ता बताते हैं कि हर व्यक्ति को रोजाना लगभग 1000 कैलोरी के लिए 14 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है। जबकि 1 से 3 साल के बच्चे के लिए लगभग 19 ग्राम, 4 से 8 साल के बच्चे के लिए लगभग 24-25 ग्राम, 9 से 18 साल की लड़कियों के लिए रोजाना लगभग 25 ग्राम, 9 से 13 साल के लड़कों के लिए रोजाना लगभग 28-30 ग्राम और 14 से 18 साल के लड़कों के लिए लगभग 37-38 ग्राम फाइबर रोजाना जरूरत होती है ताकि उनका पाचन ठीक रहे और ओवर ईटिंग, मोटापे से बच सकें। बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम रहे और किसी भी तरह की रिस्की बीमारी से बचे रहें।
1. सब्जियां
बच्चों का खाना जब शुरू करवाया जाए तो उन्हें शुरू में ही सब्जियां देनी शुरू कर देनी चाहिए। सब्जी बहुत से पौष्टिक तत्वों और डाइट्री फाइबर का एक अच्छा स्रोत होती है। इसके अलावा सब्जियों में सिंपल कार्ब्स भी नहीं होते हैं। कुछ हाई फाइबर से भरपूर सब्जियों में पालक, ब्रोकली, बीन, शकर कंद, कॉर्न, गाजर आदि शामिल होती हैं। अच्छी तरह से पकने के बाद ही इन सब्जियों को बच्चों को खिलाएं क्योंकि कच्ची सब्जी बच्चों को अच्छे से पच नहीं पातीं। बच्चों को पकी हुई सब्जियां छोटे छोटे टुकड़ों में काट कर दें ताकि वह उन्हें खुद ही उठा कर खा सकें।
2. ड्राई फ्रूट्स
एक साल के बच्चे को ड्राई फ्रूट ज्यादा न दें क्योंकि वह उनके गले में अटक सकता है, जिससे चोकिंग की समस्या का रिस्क बना रहता है। इसलिए एक साल से ऊपर की उम्र के बच्चे को ही ड्राई फ्रूट्स देने चाहिए। बच्चे को कभी भी पूरा ड्राई फ्रूट न दें, बल्कि पहले इन्हें छोटे छोटे टुकड़ों में चाप कर दें और फिर अपने हाथों से ही बच्चे को खिलाएं ताकि वह एक समय में ज्यादा का सेवन न कर सके।
3. होल ग्रेन
जैसे ही बच्चे ठोस खाना शुरू कर देते हैं वैसे ही आपको उनकी डाइट में सीरियल्स और ग्रेंस को एड करना शुरू कर देना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें मील में अलग अलग वैरायटी मिल सकेगी जिस वजह से वह खाना एंजॉय कर सकेंगे। कुछ ऑप्शन जो आप बच्चों को दे सकते हैं वे हैं चावल, जौ, होल व्हीट, ज्वार आदि। आप क्विनोआ और रागी से बनने वाले कुछ स्यूडो सीरियल्स भी बच्चे को खिलाना शुरू कर सकते है। इन चीजों को अलग अलग कॉम्बो के साथ दें जिससे बच्चे इस खाने को एंजॉय कर सकें
4. फल
फलों में डाइट्री फाइबर के साथ साथ अन्य भी काफी सारे पौष्टिक तत्व होते हैं। साथ ही फल काफी स्वादिष्ट और मीठे भी होते है जिनसे बच्चे आसानी से इनका सेवन कर लेते हैं। बच्चे को एक दिन में कम से कम एक फल तो रोज खिलाने की कोशिश करें। कुछ हाई फाइबर फलों में तरबूज, खरबूज, सेब, केला, स्ट्रा बेरी और ब्लैक बेरी शामिल हैं और आप इन्हे अच्छे से धोने के बाद ही बच्चे को छोटे छोटे टुकड़े में काट कर खिलाएं।
5. दाल और फलियां
दाल और फलियों को प्रोटीन और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। इनमें आयरन, पोटेशियम, फोलेट जैसे तत्व होते हैं। साथ ही यह डाइट्री फाइबर का भी एक अच्छा स्रोत होते हैं। इस प्रकार के ग्रुप के खाद्य पदार्थ बच्चों को जरूर दें जैसे चना, राजमा, मटर, मसूर की दाल और काबुली चना।
तो आपको बच्चे को शुरू से ही यह खाना खाने की आदत डलवा देनी चाहिए। यह सारे खाद्य पदार्थ बच्चे की सेहत के लिए कई तरह से लाभदायक होते है और बच्चे को काफी पोषण प्रदान करते हैं।