हार्ट अटैक और High BP को बुलावा देती हैं ये 5 चीजें
भागमभाग भरी जिंदगी में कई तरह की बीमारियां लोगों को घेरती जा रही हैं. हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) यानी हाई बीपी भी ऐसी ही बीमारी है, जो धीरे-धीरे शरीर में घुसती है
भागमभाग भरी जिंदगी में कई तरह की बीमारियां लोगों को घेरती जा रही हैं. हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) यानी हाई बीपी भी ऐसी ही बीमारी है, जो धीरे-धीरे शरीर में घुसती है और उसका अंजाम किडनी डैमेज, डिमेंशिया और हार्ट अटैक के रूप में होता है. डॉक्टरों के मुताबिक एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड प्रेशर अधिकतम 140/90 mmHg तक होना चाहिए. अगर ब्लड प्रेशर इससे ज्यादा बढ़ता है तो इंसान को हाइपरटेंशन हो सकता है. आइए आज आपको उन 5 चीजों के बारे में जानकारी देते हैं, जिनकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ता जाता है.
पेन किलर दवाओं का ज्यादा यूज
मेडिकल एक्सपर्टों के मुताबिक कई लोगो को छोटी-छोटी बातों पर पेन किलर खाने की आदत होती है. दर्द को दूर करने वाली ऐसी दवाई कभी-कभार खाने में तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर आप इसकी आदत बना लेते हैं तो इससे आपकी किडनी पर असर पड़ने लगता है, जिससे आपका ब्लड प्रेशर हाई (High Blood Pressure) होने लगता है. इसलिए वक्त रहते पेन किलर का इस्तेमाल कम कर दें तो ठीक रहेगा.
पैकेज्ड फूड का ज्यादा सेवन
बहुत सारे लोग अपने दफ्तरों में देर तक काम करते हैं. ऐसे में वे ऑनलाइन ऑर्डर कर पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड मंगवा लेते हैं. इस तरह के फूड में नमक यानी सोडियम ज्यादा मात्रा में होता है, जो सीधे-सीधे ब्लड प्रेशर को नुकसान पहुंचाता है. खून में नमक की मात्रा अधिक होने से वह शरीर में से पानी को सोखने लगता है, जिससे रक्त वाहिकाओं पर असर पड़ने लगता है. इसलिए जितना संभव हो, घर के बने शुद्ध भोजन का ही सेवन करें.
शरीर में विटामिन डी की कमी
शरीर में विटामिन डी की कमी होने से बाल झड़ने और हड्डियों के कमजोर होने की समस्या हो जाती है. हालांकि एक नई स्टडी में पता चला है कि विटामिन डी की कमी से हाइपरटेंशन का जोखिम भी बढ़ जाता है. इसलिए खुद को फिट रखने और हार्ट अटैक के खतरे से बचने के लिए विटामिन डी युक्त भोजन को ग्रहण करना आज से ही शुरू कर दें.
समाज से अलग-थलग रहना
समाज मे बढ़ रहा अकेलापन भी लोगों में चिड़चिड़ाहट और ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) को बढ़ा रहा है. इससे मानसिक तनाव और डिप्रेशन बढ़ता है. इस समस्या से निजात के लिए खुद को सामाजिक गतिविधियों में शामिल करना बेहद जरूरी है. अकेले रहने से इंसान अवसाद में पड़कर धीरे-धीरे निराशा के दलदल में डूबता चला जाता है. इसलिए आज ही खुद को सोशल बनाने की कोशिश शुरू कर दें.
रोजाना 7-8 घंटे से कम नींद लेना
शरीर की फिटनेस के लिए रोजाना 7-8 घंटे की गहरी नींद लेना बहुत जरूरी है. अगर आप इससे कम देर तक सोते हैं तो आप सीधे तौर पर बीमारियों को आने का न्योता दे रहे होते हैं. स्लीप एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप पर्याप्त नींद नहीं ले रहे होते हैं तो शरीर के विभिन्न हिस्सों को सप्लाई हो रहे ब्लड की आपूर्ति में अचानक गिरावट आ सकती है, जिससे हृदय पर जोर पड़ता है और कार्डिएक अरेस्ट का खतरा बन जाता है.