Lipstick लगाने से कैंसर होने का है डर, लड़कियां रखें विशेष ध्यान
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नई दिल्ली। खूबसूरत दिखने की चाह में महिलाएं कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं. मार्केट में कई तरह के कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं. जिनमें से लिपस्टिक को लेकर दावा किया जा रहा है कि इससे कैंसर के साथ-साथ कई तरह की बीमारियां हो सकती है. ज्यादातर लिपस्टिक में Carcinogenic नामक केमिकल होता है, जिससे कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है. इसके साथ ही अधिकांश Lipgloss और लिपस्टिक में क्रोमियम, लेड, एल्युमिनियम, कैडमियम और कई अन्य टॉक्सिंस होते हैं, जो हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं.
आज कल हर कॉस्मेटिक्स में केमिकल का इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन क्या आपको पता है लोशन, लिपस्टिक, नेल पॉलिश, फाउंडेशन, आईशैडो और मस्कारा में PFAS जैसे खतरनाक केमिकल मिला होता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि कॉस्मेटिक्स को लंबे समय तक टिके रहने के लिए इसमें कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल होता है.
PFAS यानी पॉलीफ्लूरोकाइल एक केमिकल है. यह कार्बन और फ्लोरीन का बॉन्ड है. यह जल्दी से टूटता नहीं, इस वजह से यह केमिकल पर्यावरण में नहीं घुलता. इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल टेक्सटाइल और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में हो रहा है. कई देशों में बैन होने के बावजूद भारत में इसका इस्तेमाल कई चीजों को बनाने में हो रहा है.
लिपस्टिक से कई नुकसान
लिपस्टिक में बहुत सारे केमिकल्स का मिश्रण होता है. इससे कई तरह के नुकसान हो सकते हैं.
लगातार लिपस्टिक लगाने से कई तरह की एलर्जी या इन्फेक्शन भी हो सकता है.
इससे होंठों का रंग भी काला पड़ सकता है.
खाने के साथ शरीर में लिपस्टिक अंदर जाने से केमिकल बीमारी का कारण बन सकते हैं.
इसमें मौजूद लेड, एल्यूमिनियम, क्रोमियम, कैडमियम और मैग्नीशियम शरीर में चला जाता है.
लिपस्टिक में मौजूद एल्यूमिनियम से कई तरह की बीमारी हो सकती है. जिससे पेट में अल्सर हो सकती है.
कई लड़कियां लिपस्टिक को आईशैडो के रूप में इस्तेमाल करती हैं, जिससे आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है.
लिपस्टिक का लगातार इस्तेमाल प्रेगनेंसी की समस्या पैदा करता है.
नियमित रूप से लिपस्टिक लगाना किडनी फेलियर का कारण भी बन सकती है.
लिपस्टिक बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लेड की वजह से यह प्रेग्नेंसी के लिए भी खतरनाक हो सकता है. यह प्रेग्नेंट महिला और उसके भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है. जिसकी वजह से गर्भपात तक की समस्या हो सकती है. लिपस्टिक होठों के जरिए पेट तक पहुंच सकती है, जिसमें खून में लेड का लेवल बढ़ सकता है. गर्भवतियों में लेड यानी सीसा आसानी से प्लेसेंटा को पार कर सकता है, जिससे बच्चे में जन्मजात लेड टॉक्सिटी होने का खतरा बढ़ सकता है.
बांझपन का भी खतरा
लिपस्टिक में मौजूद विभिन्न केमिकल की वजह से बांझपन की समस्या भी पैदा हो सकती है. महिलाएं दिनभर में कई बार लिपस्टिक होठों पर लगाती हैं, जिसकी वजह से लिपस्टिक में मौजूद केमिकल मुंह के रास्ते से पेट में पहुंचते हैं. यह केमिकल पेट में जाकर बांझपन जैसी परेशानी ला सकते हैं.
लिपस्टिक के साइड इफेक्ट से बचाव
ज्यादातर हर्बल लिपस्टिक सेलेक्ट करें.
लिपस्टिक लगाने से पहले होठों पर एक बेस जरूर लगाएं.
बेस बनाने के लिए कंसीलर का इस्तेमाल कर सकते हैं, यह होठों पर लिपस्टिक के बीच एक परत बना देता है, ऐसा करने से लिपस्टिक के साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
डार्क लिपस्टिक खरीदते समय Ingredients को एक बार जरूर चेक करें.
लिपस्टिक लगाने से पहले होठों पर पेट्रोलियम जेली लगाएं.
प्रेगनेंसी में लिपस्टिक का प्रयोग ना करें.
सप्ताह में 3 बार से ज्यादा लिपस्टिक का प्रयोग ना करें.
वहीं, बाजार में केमिकल फ्री और पैराबेन फ्री लिपस्टिक भी आती है. इनका इस्तेमाल आपके होठों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा.
हालांकि इस प्रकार की लिपस्टिक लॉग लास्टिंग नहीं होती है. साथ ही इस प्रकार की लिपस्टिक को लम्बे समय तक प्रिजर्व करके नहीं रख सकते हैं.
गर्भावस्था में लिपस्टिक के इस्तेमाल से बचें. क्योंकि खाते पीते समय लिपस्टिक अक्सर मुंह के अंदर जाती है, जिससे वह पेट में पहुंचने पर नुकसान पहुंचा सकता है.
एक हफ्ते में लगभग 2 से 3 बार लिपस्टिक न लगाएं.
लिपस्टिक किसी अच्छे ब्रांड की ही खरीदें. लोकल ब्रांड भले ही सस्ते हों, लेकिन इससे नुकसान हो सकता है.