सर्दियों में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का जोखिम, जानें विशेषज्ञो की राय

दिल का दौरा पड़ना या हार्ट अटैक, मौजूदा समय में मृत्यु के सबसे आम कारणों में से एक है। एक दशक पहले तक हार्ट अटैक को बढ़ती उम्र के साथ होने वाली समस्या माना जाता था

Update: 2021-11-20 03:35 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल का दौरा पड़ना या हार्ट अटैक, मौजूदा समय में मृत्यु के सबसे आम कारणों में से एक है। एक दशक पहले तक हार्ट अटैक को बढ़ती उम्र के साथ होने वाली समस्या माना जाता था, हालांकि अब 40 साल की आयु वाले लोगों में भी हार्ट अटैक के मामले सुनने को मिल रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जीवनशैली और आहार में गड़बड़ी के साथ कई अन्य कारक भी हार्ट अटैक को बढ़ावा दे सकते हैं। इसके अलावा मौसम में होने वाले बदलाव, विशेषकर सर्दियों का मौसम भी हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा सकती है। इस बारे में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वैसे तो सर्दियों का मौसम सभी लोगों का पसंदीदा मौसम माना जाता है, हालांकि यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि इस मौसम में दिल का दौरा भी अधिक पड़ता है। सिर्फ सांस की बीमारियां और वायरस का प्रकोप ही नहीं सर्दियों का मौसम हृदय रोगियों के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि आखिर सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ जाता है और इससे किस तरह से बचाव किया जा सकता है?
सर्दियों के दौरान हृदय रोग का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वैसे तो यह स्पष्ट नहीं है कि सर्दियों में हार्ट अटैक की समस्या का मुख्य कारण क्या है? हालांकि माना जाता है कि मौसम के साथ शरीर के तापमान में होने वाले बदलाव का हृदय पर प्रभाव पड़ सकता है। कई अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि सर्दियों के दौरान, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, हृदय संबंधी समस्याओं का आकस्मिक जोखिम भी अधिक होता है।
ये हो सकते हैं प्रमुख कारण
डॉक्टर बताते हैं, सर्दियों के मौसम के दौरान शरीर की सिफैटिक नर्वस सिस्टम की सक्रियता बढ़ जाती है, जिसके कारण रक्त वाहिकाओं का संकुचन भी बढ़ जाता है। इस स्थिति को वासोकोनस्ट्रिक्शन के नाम से जाना जाता है। ऐसी स्थिति में ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है जिसके कारण शरीर के विभिन्न अंगों तक रक्त को पंप करने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा ठंड के मौसम के दौरान बाहर का तापमान, शरीर की गर्मी को बनाए रखने में कठिनाई पैदा करने के साथ कुछ स्थितियों में हाइपोथर्मिया का कारण बन सकता है, जो हृदय की रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुंचा सकती है। यह सभी स्थितियां हार्ट अटैक का कारण बनती हैं।
ऐसे लोगों को होता है अधिक खतरा
अमर उजाला से बातचीत में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आरिफ खान बताते हैं, सर्दियों के दौरान जब तापमान गिरता है, तो शरीर की अपनी गर्मी को नियंत्रित करने के लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है। जिन लोगों को पहले से ही हृदय रोगों की समस्या है, या जिनको पहले हार्ट अटैक हो चुका है, उन्हें ऐसे मौसम में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। सर्दी के मौसम में शरीर की ऑक्सीजन की जरूरत भी बढ़ जाती है। हृदय को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण भी दिल के दौरे का जोखिम बढ़ जाता है।
कैसे करें हार्ट अटैक से बचाव
डॉ आरिफ बताते हैं, चूंकि मौजूदा समय में कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक का खतरा देखने को मिल रहा है ऐसे में सभी आयु के लोगों को विशेष सावधान रहने की आवश्यकता होती है।यदि आपमें हार्ट अटैक का खतरा अधिक है तो शरीर को ठंड से बचाने और तापमान को बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम करें। सर्दियों के मौसम में शरीर को सक्रिय बनाए रखें, बाहर व्यायाम करने से बेहतर है घर में ही हल्के व्यायाम करते रहें। नियमित शारीरिक गतिविधि और व्यायाम आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने में सहायक है।


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