गर्मी का पारा रिकॉर्ड तोड़ रहा है. ज्यादातर मैदानी इलाकों में त्राहिमाम मचा हुआ है. ऐसे में लोगों को कई तरह से शारीरिक परेशानियां भी हो रही हैं. इस झुलसती गर्मी में आंधी-तूफान का साया भी मंडराने लगा है. तपिश भरी गर्मी और आंधी-तूफान में सिर दर्द और माइग्रेन बहुत बड़ी समस्या है. अधिकांश लोगों को ऐसी समस्याएं होती हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों होता है. एनएचएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जैसे ही आंधी-तूफान या बिजली कड़कने की आवाज आती है, ज्यादातर लोगों को सिर में तेज दर्द और माइग्रेन होने लगता है. अगर इससे बचने के उपाय नहीं किए गए तो यह संकट भारी पड़ सकता है.
उमस में क्यों होता है सिर दर्द या माइग्रेन
मिरर की रिपोर्ट में हाइड्रैट एक्सपर्ट डॉ. निक हिर्ड कहते हैं कि जब बहुत तेज गर्मी हो और उसमें उमस काफी बढ़ गया हो, आसमान साफ नहीं हो, आंधी-तूफान आए तो कुछ लोगों को तेज सिर दर्द होता है. दरअसल, जब वातावरण में दबाव बढ़ता है तो इसका असर दिमाग के अंदर केमिकल और इलेक्ट्रिकल इंपल्स पर भी पड़ता है. इससे नर्व इरीटेट होने लगता है. यही कारण है लोगों को आधे घंटे से लेकर कई घंटे तक तेज सिर दर्द या माइग्रेन होता है. इसलिए आंधी-तूफान या तेज गर्मी के दौरान ऐसी परिस्थिति आए तो तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए. वहीं जो लोग सही तरीके से हाइड्रेट नहीं होते यानी शरीर में पानी की मात्रा को बैलेंस नहीं रखते, उनके लिए यह खतरा ज्यादा है. ये समस्या खासकर उमस भरे मौसम में ज्यादा होती है. इस समय शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है. इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी का मतलब है कि खून में पोटैशियम, मैग्नीशियम, सोडियम जैसे मिनिरल्स की कमी हो जाती है जिसके कारण नर्व में इलेक्ट्रिक इंपल्स कम हो जाता है. इससे नसें कमजोर हो जाती है और शरीर में भारी कमजोरी और थकान होती है.
बचने के लिए क्या करना चाहिए
डॉ. निक हिर्ड कहते हैं इस स्थिति में यदि आपको महसूस हो कि सिर दर्द या माइग्रेन हो गया है तो सबसे पहले शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को बैलेंस करें. इसके लिए इलेक्ट्रोलाइट्स का घोल बनाकर पी लें या नमक-चीनी का घोल पिएं. साथ ही खूब पानी पिएं. शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें. हरी पत्तीदार सब्जियों का जूस या सूप बनाकर पिएं. आप इस दौरान स्नान कर सकते हैं और किताबें पढ़ने की कोशिश करें. लेकिन दवाई भी साथ में जरूर रखें. पैरासिटामोल ले सकते हैं.