महिलाओं में हीमोग्लोबिन की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है

महिलाओं को हर महीने महावारी के चक्र से गुजरना पड़ता है

Update: 2022-09-13 11:51 GMT
महिलाओं को हर महीने महावारी के चक्र से गुजरना पड़ता है। महावारी में कई बार अत्यधिक रक्त स्त्राव होने से कई महिलाओं में खून की कमी भी हो जाती है। खून की कमी होने पर अधिकांश महिलाओं में एनीमिया की समस्या भी देखने को मिलती है। ये समस्या 45 की उम्र के बाद अक्सर बढ़ती जाती है। दरअसल, 45 की उम्र के बाद महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी देखने को मिलती है। ब्रेस्‍टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को भी एनिमिया होने का खतरा अधिक होता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं एनीमिया के कारण, लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में-
शरीर में एनीमिया की समस्या तब होती है, जब रेड ब्लड सेल्स में हीमोग्लोबिन का लेवल घटता जाता है। दरअसल, हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स में एक तरह का प्रोटीन होता है, जो ऑक्सीजन को टिशूज तक पहुंचाता है। आयरन की कमी, प्रेग्‍नेंसी और ब्‍लड लॉस- इंटरनल ब्‍लीडिंग, आनुवांशिक कारण, मेनोपॉज और हार्मोनल बदलाव एनीमिया के मुख्य कारण होते हैं।
चक्‍कर का आना
हर वक्त बेवजह थकान होना
त्‍वचा की रंगत का पीला पड़ना
तलवे और हथेलियों का ठंडा रहना
आंखों के नीचे काले घेरे
बॉडी टेम्‍प्रेचर कम होना
सीने में दर्द उठना
सिर में हमेशा दर्द बना रहना

न्यूज़ क्रेडिट :timesnowhindi
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