Lifetyle.लाइफस्टाइल: कोविड के बाद अब Mpox का कहर दुनिया पर मंडरा रहा है। ये मंकी पॉक्स वायरस के कारण होने वाली एक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति के शरीर पर रैश, दाने, बुखार और सांस लेने में परेशानी होने जैसी समस्याएं हो रही हैं। इसके कारण अभी तक दुनियाभर में लगभग 500 से ज्यादा मौतें हो चुकी है, जिसके कारण इस बीमारी का डर लोगों को और ज्यादा सता रहा है। खासकर जब इसका नया वेरिएंट Clade 1b strain इन्फेक्शन फैला रहा है। इसको फैलने से रोकने के लिए कई देशों ने बाहर से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग भी शुरू कर दी है और अस्पतालों में भी Mpox के लिए अलग बेड बनाए गए हैं, ताकि अगर इसका मामला सामने आता है, तो उसका बेहतर इलाज किया जा सके।
नया वेरिएंट है ज्यादा खतरनाक
आपको बता दें कि साल 2022 और 2023 में भी Mpox के मामले आ रहे थे। तब Mpox का इन्फेक्शन Clade 2 variant के कारण हो रहा था, जो नए वेरिएंट की तुलना में कम खतरनाक था। इस वेरिएंट की वजह से होने वाले इन्फेक्शन में व्यक्ति को रेस्पिरेटरी सिस्टम से भी जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
भारत में भी Mpox के मामले सामने आए थे, लेकिन वे सभी पुराने वेरिएंट की वजह से थे और आखिरी मामला मार्च 2024 में मिला था। हाल फिलहाल में भारत में Mpox का मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, नए वेरिएंट- Clade 1b strain, जो तेजी से फैल सकता है, के बारे में कुछ अहम बातों के बारे में जानकारी होना जरूरी है। आइए जानें।
अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा है
Clade 1b strain का सबसे पहला मामला, अफ्रीकी देशों में सामने आया, जहां इस वायरस की वजह से हालात काफी बुरे हैं। कॉन्गो, रवांडा, युगांडा और केन्या में इस वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
थाईलैंड में भी सामने आया Mpox का मामला
अफ्रीकी देशों के अलावा, स्वीडन और थाईलैंड में भी इस नए स्ट्रेन के मामले सामने आए हैं।
गंभीर लक्षण आ रहे हैं सामने
Clade 1b वेरिएंट पिछले वेरिएंट Clade 2 की तुलना में काफी स्ट्रॉग है। इसके कारण Mpox के लक्षण (Monkeypox Virus Symptoms) काफी गंभीर हैं। इस इन्फेक्शन के कारण बुखार, रैश और निमोनिया जैसी श्वांस प्रणाली से जुड़ी परेशानियां लोगों में नजर आ रही हैं।
नए वेरिएंट की मृत्यु दर ज्यादा
इस नए स्ट्रेन के कारण मौत के मामले भी ज्यादा सामने आ रहे हैं, क्योंकि ये रेस्पिरेटरी सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा रहा है और इससे रिकवर करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे दावे सामने आ रहे हैं कि इस वायरस की मृत्यु दर 10 प्रतिशत है।