अंगुलियों की लम्बाई बता सकती है कि आपको कोरोना का कितना खतरा

नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं।

Update: 2023-04-24 18:29 GMT

जनता से रिश्ता बेबडेस्क | दो साल से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ है। जैसे-जैसे समय गुजर रहा है कोरोना वायरस के कई नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं।

वहीं, इस वायरस से जुड़ी कई नई जानकारियां और इसके खतरे को समझने के लिए दुनिया भर में वैज्ञानिक रिसर्च करने में लगे हुए हैं। कोरोना से जुड़ी जानकारियों में अभी भी कोरोना होने के कारणों का सही तरह से पता नहीं चल पाया है।

इसके अलावा इसके लक्षणों को लेकर भी इस बीमारी की कई नई थ्योरी सामने आ रही है। वायरस की प्रकृति को समझने की कोशिश में हाल ही में वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया है, जिसमें यह पता चला है कि किसी व्यक्ति के नाखून देखकर भी यह पता चलता है कि किसी व्यक्ति को कोरोना होने का कितना खतरा है।

इस स्टडी से ही यह बात सामने आई कि नाखून ही नहीं, किसी व्यक्ति की अंगुलियों का साइज देखकर भी उसे कोरोना का कितना खतरा है, यह बात पता चलती है।

जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि जिन लोगों की तर्जनी अंगुली (index finger) की तुलना में अनामिका (ring finger) छोटी होती है, उनमें गंभीर COVID का खतरा अधिक हो सकता है।

यूके में स्वानसी यूनिवर्सिटी, पोलैंड में मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉड्ज और स्वीडन के करोलिंस्का यूनिवर्सिटी अस्पताल के शोधकर्ताओं की एक टीम ने यह समझने के लिए अध्ययन किया कि किसी व्यक्ति के हार्मोन का स्तर (मुख्य रूप से टेस्टोस्टेरोन) COVID-19 से संक्रमित होने पर उनकी रिकवरी यानी ठीक होने की स्थिति पर क्या असर पड़ता है।

अध्ययन की खोज से पता चला है कि छोटी अनामिका अंगुली वाले लोगों में गंभीर COVID की बीमारी और इसके लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती होने की संभावना अधिक होती है।

इसके अलावा, अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन लोगों के दाएं और बाएं हाथ की उंगलियों के बीच बड़ा अंतर होता है, उनमें भी वायरस से के गंभीर लक्षण नजर आते हैं।

परीक्षण के लिए, वैज्ञानिकों ने व्यक्ति की अंगुली की लंबाई की जांच करके हार्मोन के स्तर को आंकने के लिए किए गए पिछले अध्ययनों का मूल्यांकन भी किया।

इस अध्ययन के अनुसार, लंबी अनामिका होना गर्भ में वृद्धि के दौरान उच्च टेस्टोस्टेरोन के स्तर का संकेत है, जबकि लंबी तर्जनी उच्च एस्ट्रोजन के स्तर का संकेत है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि टेस्टोस्टेरोन और कोविड-19 की गंभीरता के बीच एक कड़ी हो सकती है।इसका कारण यह है कि बुजुर्ग पुरुषों को में कोरोना के गंंभीर लक्षण देखने को मिले।

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