छोटे बच्चों के कान में जमा मैल ऐसे होगा साफ, बस ध्यान रखें ये जरूरी बातें
कानों के अंदर वैक्स का जमा होना एक नैचुरल बात है. यह कान के अंदरूनी भाग की रक्षा करता है. इसके साथ ही यह बैक्टेरियल इंफेक्शन को रोकता है. हर उम्र के लोगों के कानों में वैक्स बनता हुआ देखा जाता है लेकिन जब ये ज्यादा होने लगता है
कानों के अंदर वैक्स का जमा होना एक नैचुरल बात है. यह कान के अंदरूनी भाग की रक्षा करता है. इसके साथ ही यह बैक्टेरियल इंफेक्शन को रोकता है. हर उम्र के लोगों के कानों में वैक्स बनता हुआ देखा जाता है लेकिन जब ये ज्यादा होने लगता है तो सुनने में परेशानी होने लगती है. बच्चों के कानों में वैक्स जमने की क्रिया काफी तेज होती है इसलिए इस साफ करना जरूरी हो जाता है. इसकी ज्यादा मात्रा से कान में कभी-कभी काफी दर्द होने लगता है. कुछ लोग इसे साफ करने के लिए सींक, माचिस की तिली या ईयरबड्स का इस्तेमाल करते हैं लेकिन बच्चों की त्वचा बेहद सेंसटिव होती है इसलिए उनके कानों की सफाई के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
कैसे बनता है कानों का वैक्स?
आपको बता दें कि कान के अंदर एक्सटर्नल ऑडिटरी कैनाल (external auditory canal) इस वैक्स का कारण है. कैनाल में मौजूद सेरुमिनस और नाइलोसीबेशियस नामक ग्रंथियों से एक अगल तरह का पदार्थ निकलता है जिसकी वजह से वैक्स बनता है. अधिक वैक्स जमा होने से आपको साफ सुनाई नहीं देता है. कानों में दर्द होता है और कई बार इसकी वजह से चक्कर भी आते हैं.
वैक्स की सफाई में इन बातों का रखें ध्यान
बच्चों के बॉडी पार्ट्स काफी सेंसेटिव होते हैं. इसलिए उनके कानों की सफाई के दौरान काफी सतर्कता रखनी चाहिए. सींक, माचिस की तिली या ईयरबड्स का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. बच्चों के कान की सफाई के लिए डॉक्टर या पीडियाट्रिशयन की सलाह लेना चाहिए. किसी भी घरेलू नुस्खे को इस्तेमाल करने से दूर रहना चाहिए वरना इससे कानों में इंफेक्शन हो सकता है.