पेट की समस्याएं में हो सकती हैं दूर, बस रोजाना करने होंगे ये 3 योगासन
अमूमन देखा जाता है कि व्यक्ति बीमारी की चपेट में पेट की दिक्कतों की वजह से आ जाता है। जब हमारा पाचन तंत्र ठीक न हो, हमारे पेट में दर्द हो, पेट की चर्बी बढ़ रही हो या फिर पेट की अन्य दिक्कतों से हम जूझ रहे हों, तो हमें कई अन्य तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमूमन देखा जाता है कि व्यक्ति बीमारी की चपेट में पेट की दिक्कतों की वजह से आ जाता है। जब हमारा पाचन तंत्र ठीक न हो, हमारे पेट में दर्द हो, पेट की चर्बी बढ़ रही हो या फिर पेट की अन्य दिक्कतों से हम जूझ रहे हों, तो हमें कई अन्य तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है। कई बार जब हम ज्यादा खाना खा लेते हैं, तब भी पेट में दिक्कतें हो जाती हैं। इसमें एसिडिटी व बदहजमी जैसी चीजें शामिल हैं। पेट में भारीपन, सीने में जलन आदि कई दिक्कतें व्यक्ति को हो जाती हैं। ऐसे में हम कई तरह की दवाओं जैसे- गोलियां या चूर्ण का सेवन करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेट की समस्याओं में आराम पाने में आपकी मदद दवाओं के अलावा कुछ योगासन भी कर सकते हैं? शायद नहीं, तो चलिए हम आपको कुछ ऐसे योग आसन बताते हैं, जिन्हें आप रोजाना करके पेट से जुड़ी दिक्कतों को दूर कर सकते हैं।
मलासन
आपको एक मैट पर सीधे खड़े होना है, और पैरों के बीच में डेढ़ फीट की दूरी जरूर रखें। अब दोनों हाथों को ऊपर उठाकर जोड़ें और नीचे झुकते हुए प्रार्थना की मुद्रा में आ जाएं। फिर इसी मुद्रा मे नीचे बैठ जाएं। ऐसे ही आपको ऊपर नीचे उठना है और बैठना है।
हो सकते है ये फायदे
कई बार ज्यादा खाने की वजह से पाचन शक्ति खराब हो जाती है। ऐसे में मलासन करने से आपको लाभ मिल सकता है। इसके अलाला पीठ के लिए भी ये योगासन काफी फायदेमंद होता है।
पवनमुक्तासन
इसमें आपको पीठ के बल सीधा लेटना है। दोनों पैरों को मिलाकर और हथेली को जमीन पर लगाना है। इसके बाद दाहिने पैर को घुटने से मोड़ते हुए छाती तक लगाएं। फिर अपने दोनों हाथों की उंगलियों को मिलाते हुए घुटने से थोड़ा नीचे होल्ड कर लें। अब पैरों से छाती पर दबाव पड़े तो धीरे-धीरे सांस को अंदर बाहर छोड़ें।
हो सकते हैं ये फायदे
-गैस की समस्या में राहत
-एसिडिटी की समस्या में राहत
-पेट की अतिरिक्त चर्बी से छुटकारा।
भुजंगासन
इसमें एक मैट पर पेट के सहारे आपको लेटना है और अपने पैरों को सीधा फैलाना है। अपने हाथों को उठाएं और कंधे के सीध में ऊपर लेकर जाएं। इस दौरान पैर सीधे रहें। फिर सांस लें और शरीर के आगे के हिस्से को नाभि तक उठाएं। जितनी क्षमता हो उतनी देर इसी स्थिति में बने रहें। ऐसे ही सांस को अंदर और बाहर छोड़ते रहें
हो सकते हैं ये फायदे
-पेट के सारे विकार दूर हो सकते हैं
-गैस और कब्ज की समस्या में आराम मिल सकते हैं।