Soybean:सोयाबीन का अधिक सेवन बन सकता हैं आपके लिए खतरा जानें नुकसान

Update: 2024-06-09 12:52 GMT
Lifestyle:सेहतमंद शरीर के लिए लोग अपने खानपान में ऐसी चीजों को शामिल करते हैं जो कई पोषक तत्वों से भरपूर हो। ऐसा ही एक आहार हैं सोयाबीन जिसमें प्रोटीन, फाइबर, मिनरल, विटामिन्स भरपूर मात्रा Plenty of vitamins में पाए जाते हैं। आज के समय में जिम जाने वाले लोगों से लेकर वेगन लोगों के पास सोया उत्पाद ही उनके कैल्शियम और प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने का सबसे बेहतर स्रोत है। इसका सेवन सेहत के लिए अच्छा हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा सेवन खतरा साबित हो सकता हैं। किसी भी चीज की अधिकता नुकसानदेह हो सकती है और यही सोयाबीन के साथ भी हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह सोयाबीन का अधिक सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक होता हैं। आइये जानते हैं...
थायराइड से संबंधी समस्या 
अगर आप सोया उत्पाद का सेवन करते हैं तो इससे आपको हाइपरथाइरोइडज्म का खतरा पैदा हो सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति को गोएटर और ऑटोइम्यून थायराइड डिजीज की दिक्कत होने लगती है। ऐसा तब भी होता है जब शरीर में आयोडीन की कमी हो जाए। इसके अलावा सोया उत्पाद थायराइड के लिए दी जाने वाली दवा के काम में भी बाधा उत्पन्न कर सकता है। हालांकि अब तक इस पर कुछ खास शोध नहीं हुए हैं। इसलिए यह थायराइड की समस्या के लिए कितना जिम्मेदार यह कहना थोड़ा मुश्किल है।
फीमेल हॉर्मोन्स
सोयाबीन खाने से महिलाओं को हॉर्मोन संबंधी कई परेशानियां होती है। दरअसल इसमें मौजूद कम्पाउंड फीमेल हॉर्मोन एस्ट्रोजन की नकल करता है। इससे महिलाओं में हार्मोन्स की गड़बड़ी हो सकती है। ऐसे में बेहतर यही होगा कि सोयाबीन का सेवन सिमित मात्रा में करें।
हृदय राेग
साेयाबीन स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी हाेता है। लेकिन अगर इसका सेवन काफी अधिक मात्रा में किया जाए, ताे यह हृदय राेग का कारण भी बन सकता है। दरअसल, साेयाबीन में ट्रांस फैट हाेता है, जाे बैड काेलेस्ट्रॉल काे बढ़ावा देता है। साथ ही हृदय राेगाें काे भी बढ़ाता है। इसलिए इसका सेवन सीमित ही करना चाहिए।
डायबिटीज
अगर आपको डायबिटीज है और उसके बचाव हेतु दवाएं भी खा रहे हैं तो अपनी रोजाना की डाइट से सोयाबीन या इससे बने उत्पादों को बाहर कर दें। इसके अलावा अगर आपके परिवार में भी किसी को पहले डायबिटीज रह चुका है, तो सोयाबीन का घर में इस्तेमाल करना ही बंद कर दें।
एलर्जी
सोयाबीन के सेवन से या उसके द्वारा बनाए गए उत्पादों की वजह से बच्चों में या वयस्कों में किसी तरह की एलर्जी की समस्या होने लगती है। हालांकि कुछ लोगों में यह एलर्जी आगे चलकर खत्म हो जाती है। जबकि कुछ बच्चों में यह पूरी जिंदगी बनी रहती है। हालांकि यह एलर्जी बहुत ही साधारण होती है, इसमें व्यक्ति को दस्त, उल्टी, मुंह में झनझनाहट, खुजली जैसी समस्या होती है, जो कि सामान्य ही रहती है।
माेटापा
साेयाबीन माेटापे का कारण भी बन सकता है। अगर आप अधिक साेयाबीन खाते हैं और आपकाे लगातार वजन बढ़ रहा है, ताे इसे खाना कम कर दें। साेयाबीन में मौजूद ट्रांस फैट वजन कम करने के जगह बढ़ा देता है। वही अगर इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए, ताे यह वजन काे कंट्राेल में रखता है।
पुरुषों के लिए घातक
सोयाबीन का रोजाना सेवन करना पुरुषों के लिए घातक साबित हो सकता है। इसे खाने से पुरुषों में सेक्शुअल पावर कम हो जाता है। ज्यादा सोयाबीन खाने से उनके हॉर्मोन्स, लिबिडो पावर, स्पर्म की संख्या और प्रजनन क्षमता के स्तर पर प्रभाव पड़ता है। अगर कोई पुरुष फैमिली प्लानिंग के बारे में सोच रहा है तो उसे अपनी डाइट में सोयाबीन का सेवन रोजाना नहीं करना चाहिए।
कैंसर का कारण
सोया आइसोफ्लेवोंस आपके शरीर में कैंसर को कोशिका को पैदा कर सकता है। सोया आइसोफ्लेवोंस एस्ट्रोजन संबंधी ब्रेस्ट कैंसर का भी कारण बन सकता है ऐसा इसलिए भी क्योंकि इसमें एस्ट्रोजन इफेक्ट्स होते हैं। हालांकि कुछ अध्ययन यह भी कहते हैं कि इसके जरिए ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौत में कमी आई है। ऐसे में सोया आइसोफ्लेवोंस कैंसर पैदा करने के लिए कितना जिम्मेदार है यह जानने के लिए कुछ ठोस रिसर्च की आवश्यकता है।
स्तनपान के दौरान मितली
प्रेगनेंसी और स्तनपान के दौरान साेयाबीन का सेवन करना नुकसानदायक हाे सकता है। साेयाबीन के सेवन से ऐसी महिलाओं काे उल्टी, मितली जैसी समस्याएं हाे सकती हैं। वही इसका अधिक सेवन चक्कर आने का कारण भी बन सकता है। इतना ही नहीं अगर स्तनपान कराने वाली मां इसका अधिक सेवन करती हैं, ताे इससे शिशु काे भी उल्टी हाे सकती है।
अल्जाइमर और डिमेंशिया
पहले के समय में सोया के खाद्य पदार्थों का उपयोग पकाकर ही किया जाता था। जिससे सोया के अंदर मौजूद कुछ नुकसानदायक तत्व नष्ट हो जाते थे। लेकिन अब बहुत से सोया उत्पादों का सेवन कच्चा ही किया जाता हैं। जिसकी वजह से इसके अंदर मौजूद खतरनाक तत्व बने रहते हैं और इसका असर आपके दिमाग और शरीर की महत्वपूर्ण प्रणाली पर पड़ता है। वहीं सोया आइसोफ्लेवोंस का असर कुछ लोगों के दिमाग पर भी पड़ता है इससे अल्जाइमर और डिमेंशिया की समस्या पैदा हो सकती है
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