Soft Drinks: जहर से कम नहीं हैं सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन जानें इससे होने वाले ये 10 नुकसान

Update: 2024-06-11 11:44 GMT
Lifestyle:जब भी कभी कोई पार्टी या फंक्शन होता हैं उसमें आमतौर पर सबसे ज्यादा देखने को मिलती हैं सॉफ्ट ड्रिंक्स जिसका सेवन बच्चों से लेकर बड़े तक सभी करते हैं। इस चिलचिलाती गर्मी में ठंडी सॉफ्ट ड्रिंक्स Soft Drinks का सेवन सभी के मन को भाता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सॉफ्ट ड्रिंक्स जहर का काम करते हुए आपके शरीर को खोंखला कर रही हैं और सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा रही हैं। इंसान अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत कुछ करता हैं, ऐसे में सॉफ्ट ड्रिंक पीकर उसे बर्बाद करना कोई बुद्धिमानी की बात नहीं। जितना हो सके इससे दूरी बनाकर रहें। आज इस कड़ी में हम आपको सॉफ्ट ड्रिंक्स के सेवन से शरीर को होने वाले नुकसान की जानकारी देने जा रहे हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
डायबिटीज का खतरा
इंसुलिन हार्मोन ब्लड से ग्लूकोज को आपकी कोशिकाओं में ले जाने का काम करता है। सॉफ्ट ड्रिंक्स का अधिक सेवन करने फ्रक्टोज और ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। ग्लूकोज को सेल्स में पहुंचाने के लिए पैक्रियाज को अधिक मात्रा में इंसुलिन बनाना पड़ता है। इसलिए कुछ समय बाद शरीर इंसुलिन रेजिस्टेंस हो जाता है जिसकी वजह से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। कई स्टडी में दावा किया गया है कि अधिक मात्रा में सोडा का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
फैटी लीवर
रिफाइंड शुगर में ग्लूकोज और फ्रक्टोज होता है। ग्लूकोज को शरीर के सेल्स द्वारा आसानी से मेटाबोलाइज्ड किया जाता है। वहीं लीवर फ्रक्टोज को मेटाबॉल्जाइड करता है। ज्यादा सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने से फ्रक्टोज की मात्रा बढ़ जाती है जिसे हमारे लीवर पर दबाव पड़ता है और बाद में ये फ्रक्टोज फैटी सेल्स के रूप में जमा होने लगते है। इसकी वजह से लीवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
वजन बढ़ने की समस्या
हम में से ज्यादातर लोग जानते हैं कि कोल्ड ड्रिंक्स पीने से वजन बढ़ता है। सोडा और सॉफ्ट ड्रिंक्स में चीनी होती है जिसकी वजह से वजन तेजी से बढ़ता है। एक नियमित कोका – कोला कैन में 8 बड़े चम्मच चीनी होती है। कोल्ड ड्रिंक्स आपकी भूख को कुछ देर के लिए शांत कर सकता है। लेकिन बाद में आप अधिक मात्रा में खाना खाते हैं।
दांत खराब होने की परेशानी
सॉफ्ट ड्रिंक आपके दांतों के लिए बहुत नुकसानदायक है। सोडा में फॉस्फोरिक एसिड और कार्बोनिक एसिड होता है जो लंबे समय में दांतों के इनेमल को खराब कर सकता है। चीनी के साथ एसिड आपके मुंह में बैक्टीरिया को पनपने के लिए सही वातावरण तैयार करता है, जिससे कैविटी हो सकती है।
खाली कैलोरी बढ़ती है
कोल्ड ड्रिक्स में सिर्फ कैलोरी होती है, कोई मिनरल्स या पोषक तत्व नहीं होते हैं। एक बोतल सॉफ्ट ड्रिंक में 150 से 200 ग्राम कैलोरी होती है। इसमें मौजूद शुगर डोपामाइन रिलीज करता है और जो कुछ देर के लिए भूख को शांत रखता है। आप कुछ समय बाद इसके एडिकटेड हो जाते हैं, जो आपको फील गुड करता है।
डिप्रेशन और तनाव
सॉफ्ट ड्रिंक पीने से व्यवहार पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे तनाव और डिप्रेशन होने का खतरा रहता है। सॉफ्ट ड्रिंक में मिलाए गए रसायनिक तत्वों से दिमाग के रासायनिक कंपोजिशन पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में सॉफ्ट ड्रिंक का अधिक सेवन करने से भविष्य में डिप्रेशन और तनाव होने का खतरा बना रहता है।
हड्डियों का कमजोर होना
सॉफ्ट ड्रिंक आपकी हड्डियों से कैल्शियम सोखने का काम करता है। जिससे हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। सॉफ्ट ड्रिंक में फॉस्फ फॉस्फोरिक एसिड मिला होता है जोकि अम्लीय होता है ये हड्डियों से कैल्शियम सोख लेता है। कैफीन भी कैल्शियम सोखने का काम करती है जिससे हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है।
दिल की बीमारियां
लगातार बढ़ते वजन से आपको हृदय रोग हो सकता हैं। लेकिन इसके साथ ही सोडा में मौजूद तत्व भी आपको अत्यधिक बीमार बना सकता हैं। सोडा में मौजूद सोडियम और कैफीन दिल के लिए बहुत ही खतरनाक होता हैं। सोडियम शरीर में तरलता रोकने का काम करता है, वहीं कैफीन से हृदयगति और रक्तचाप बहुत अधिक बढ़ता है।
किडनी होती है प्रभावित
सॉफ्ट ड्रिंक का असर किडनी पर भी पड़ता है। इससे किडनी की सक्रियता पर असर पड़ता है और उसके फंक्शन पर भी। जिसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है।
बेली फैट बढ़ाता है
कोल्ड ड्रिंक्स के सेवन से पेट के आसपास फैट जमा होता है और बेली फैट बढ़ने लगता है। जिससे डायबिटीज और दिल की बीमारियां हो सकती है।
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