
मदर्स डे, यानी वह दिन जब हम अपनी मां को उनके प्यार व समपर्ण के लिए उनका आभार जताते हैं। वैसे तो मां को उनके निश्छल प्यार के लिए हर दिन ही मदर्स डे मनाया जाना चाहिए, लेकिन यह संभव नहीं है।
इसके लिए जरूरी नहीं है कि आप महंगे से महंगा उपहार देकर अपनी मां को खुश करें, बल्कि आपकी एक छोटी कोशिश भी उनके चेहरे पर मुस्कुराहट ला सकती है। आप उनकी कहीं बातों को मानिए और ऐसा कोई काम न करें, जो आपकी मां को पसंद नहीं है। देखिए वे कितनी खुश होंगी।
मां, एक ऐसा शब्द जिसमें पूरी दुनिया बसी हुई है। मां के बिना संसार के सभी सुख अर्थहीन हैं। अपने बच्चे के पालन-पोषण में खुद को भूल जाने वाली मां के प्रति आभार जताने के लिए मदर्स डे को मनाया जाता है। मदर्स डे पूरी दुनिया में मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मदर्स डे को मनाने की शुरुआत कैसे हुई और सबसे पहले मदर्स डे कब मनाया गया।…
मदर्स डे मनाने की शुरुआत की अमेरिका की ऐना एम जारविस ने। वेस्ट वर्जिनिया की रहने वाली ऐना का यह मानना था कि एक दिन ऐसा होना चाहिए, जो मां को समर्पित होना चाहिए। वह एक स्कूल में शिक्षिका थीं। वह चाहती थीं कि मां के समर्पण व प्यार के लिए साल में एक दिन जरूर होना चाहिए, ताकि बच्चे उनका सम्मान करें। ऐना की मां के निधन के बाद उन्होंने व उनके दोस्तों ने इसे अभियान के रूप में शुरू किया। ऐना के प्रयासों का ही नतीजा रहा कि 8 मई 1914 को अमेरिका में पहली बार मदर्स डे मनाया गया। तब से यह सिलसिला जारी है और मई के दूसरे संडे को मदर्स डे मनाया जाता है।