लंदन से भारत आएगा शिवाजी का हथियार 'बाघ नख', कभी इससे ही अफजल खान को उतारा था मौत के घाट
कभी इससे ही अफजल खान को उतारा था मौत के घाट
लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय से छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रसिद्ध हथियार बाघ नख भारत लाया जाएगा। ब्रिटेन के अधिकारी, बाघ नख 1659 में बीजापुर सल्तनत के जनरल अफजल खान को मारने के लिए शिवाजी महाराज ने इस्तेमाल किया था, इसे वापस देने पर सहमत हो गए हैं। भारतीय सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने लंदन में यूनाइटेड किंगडम के संस्कृति मंत्री ओलिवर डॉडेन से मुलाकात की और बाघ नख को वापस लाने के लिए समझौता किया। समझौते के अनुसार, बाघ नख को तीन साल के लिए भारत में रखा जाएगा। इस अवधि के दौरान, यह बाघ नख महाराष्ट्र के सतारा में एक नए संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा।
कैसा दिखता है बाघ नख?
इस पर अधिकारियों का कहना है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का वाघ नख मुट्ठी में बांधने वाला है। उस समय में पंजे जैसा खंजर हथेली में फिट करके किसी पर वार करने के लिए डिजाइन किया गया था। इसे प्रतिद्वंद्वी की त्वचा और मांसपेशियों को भेदने के लिए डिजाइन किया गया है। हथेली के नीचे और सामने और इसमें एक क्रॉसबार या दस्ताने से जुड़े 4 घुमावदार ब्लेड होते हैं।
यह ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी जेम्स ग्रांट डफ को दिया गया था। बाघ नख को 1818 से 1824 के दरमियां ब्रिटेन ले जाया गया था। वहां इसे लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय में जमा कर किया गया था।
बाघ नख भारत लाया जाना एक ऐतिहासिक घटना माना जा सकता है। यह शिवाजी महाराज के जीवन और उपलब्धियों के लिए एक अहम प्रतीक में से एक है। बाघ नख के भारत लौटने से भारतीयों के लिए गर्व की भावना पैदा हो सकती है और साथ ही यह युवा पीढ़ी को शिवाजी महाराज के साहस और पराक्रम से प्रेरित कर सकता है। बाघ नख को भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह उम्मीद है कि बाघ नख नवंबर 2023 तक भारत पहुंच जाएगा।
शिवाजी ने बाघ नख से अफजल खान को कैसे और क्यों मारा था?
शिवाजी महाराज ने 1659 में बीजापुर के सेनापति अफजल खान को बाघ नख से मार डाला था। यह घटना 10 नवंबर 1659 को प्रतापगढ़ के पास हुई थी। अफजल खान शिवाजी महाराज को मारने के लिए एक चालबाजी में आया था। उसने शिवाजी को एक शांति समझौते के लिए आमंत्रित किया था। शिवाजी ने अफजल खान पर विश्वास किया और उसकी बात मान ली।
अफजल खान शिवाजी से मिलने के लिए प्रतापगढ़ आया। उसने शिवाजी को गले लगाया और उन पर हमला करने की कोशिश की। शिवाजी ने अफजल खान के हमले को रोका और उसे बाघ नख से मार डाला।
शिवाजी ने अफजल खान को मारने के कारण ये माने जाते हैं कि अफजल खान शिवाजी के राज्य के विस्तार को रोकना चाहता था। शिवाजी के बाघ नख से अफजल खान की हत्या एक ऐतिहासिक घटना थी।
यहां शिवाजी महाराज और अफजल खान की मुलाकात और अफजल खान की हत्या के में कैसे बाघ नख का इस्तेमाल हुआ था?
10 नवंबर 1659 में अफजल खान प्रतापगढ़ के पास शिवाजी महाराज से मिलने के लिए आता है।
अफजल खान शिवाजी को गले लगाता है और उन पर हमला करने की कोशिश करता है।
शिवाजी अफजल खान के हमले को रोकते हुए पलटवार में उसे बाघ नख से मार डालते हैं।
शिवाजी अफजल खान के सिर को अपने साथ ले जाते हैं और उसे अपनी मां जीजाबाई के सामने रखते हैं।
शिवाजी महाराज की बाघ नख से अफजल खान की हत्या ऐसी घटना थी जिसने भारतीय इतिहास के अध्याय को बदल देने के काम किया था। यह घटना शिवाजी महाराज को एक राष्ट्रीय नायक के रूप में स्थापित करने में मदद की।