टॉयलेट में न करे आप भी ये 5 गलतियां

अगर आप भी उन लोगों की लिस्ट में शामिल हैं जो खुद को हेल्दी रखने के लिए अपनी डाइट और पर्सनल हाइजीन का तो बहुत अच्छे से ध्यान रखते हैं

Update: 2021-03-16 14:35 GMT

जनता से रिश्ताविब्डेस्क | अगर आप भी उन लोगों की लिस्ट में शामिल हैं जो खुद को हेल्दी रखने के लिए अपनी डाइट और पर्सनल हाइजीन का तो बहुत अच्छे से ध्यान रखते हैं पर जाने-अनजाने टॉयलेट में ये 5 गलतियां कर बैठते हैं तो सावधान हो जाइए, आपकी सेहत खतरे में है। आइए जानते हैं ऐसी ही 5 गलतियों के बारे में जो लोग अक्सर टॉयलेट जाते समय कर बैठते हैं।

टॉयलेट में स्मार्टफोन का इस्तेमाल-

कई लोग फेसबुक, इंस्टाग्राम, और व्हॉट्सऐप पर चैट करने के लिए टॉयलेट में अपना स्मार्टफोन साथ लेकर जाते हैं। आपकी यह आदत आपको संक्रमित करने के साथ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी दे सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, मल त्याग के दौरान फोन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए, घर की बाकी जगह की तुलना में बाथरूम में सबसे ज्यादा कीटाणु पाए जाते हैं। जब आप फ्रेश होने के दौरान फोन साथ ले जाते हैं, तो आपका फोन भी मल बैक्टीरिया के संपर्क में आ जाता है। जर्नल एनल्स ऑफ क्लीनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड एंटीमाइक्रोबायल्स में छपे एक अध्ययन के मुताबिक लोगों के मोबाईल फोन में 95 प्रतिशत संक्रमण वाले बैक्टीरिया साल्मोनेला, ई-कोली और सी-डिफिसाइल थे।

एरिजोना यूनिवर्सिटी के शोकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आया है कि स्मार्टफोन मेटॉयलेट सीट से 10 गुना ज्यादा बैक्टीरिया पनपते हैं। हम मल त्याग के बाद हाथ धोते हैं, लेकिन स्मार्टफोन को साफ करना भूल जाते हैं। नतीजतन रोग पैदा करने वाले कीटाणु और बैक्टीरिया उन पर चिपके रह जाते हैं, जो आसानी से संक्रमण का कारण बनते हैं।

टूथब्रश टॉयलेट या सिंक के करीब रखना-
अक्सर लोग दांत साफ करने के बाद उसे बाथरूम में खुला छोड़ देते हैं। आपकी इस आदत से आपके ब्रथ पर कीटाणु जमा हो जाते हैं और अगली सुबह जब आप उसी ब्रश से अपने दांत साफ करते हैं तो आप कीटाणुओं की चपेट में आ सकते हैं। बाथरूम में अपने ब्रश को रखने के लिए एक सुरक्षित स्थान का चुनाव करें जो टॉयलेट सीट से थोड़ा दूर हो। इसके अलावा अपने ब्रश को हर 3 महीने में एक बार जरूर बदल लें।

टॉयलेट का ढक्कन खुला छोड़ना-
कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि अगर आप टॉयलेट का ढक्कन खुला रखकर फ्लश करते हैं तो छोटी-छोटी बूंदों के साथ कई एयरबोर्न बैक्टीरिया और वायरस टॉयलेट बाउल से बाहर आ सकते हैं। जिसकी वजह से अगली बार उस टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करने पर व्यक्ति कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ सकता है,इनमें से कोविड-19 भी एक है। जब भी आप फ्लश करें तो पहले ढक्कन बंद कर दें

महीनों तक एक ही लूफा का इस्तेमाल-

खुद को साफ और हेल्दी बनाए रखने के लिए अगर आप लूफा का इस्तेमाल करते हैं तो आपको भी थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। लूफा तभी यूज करें या तो जब वह नया हो या पूरी तरह बैक्टीरिया फ्री हो। दरअसल, लोग लूफा से नहाने के बाद उसे गीला ही बाथरूम में छोड़ देते हैं। जिससे उसमें बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं। नहाते समय जब आप दोबारा लूफा का इस्तेमाल करते हैं तो उसमें मौजूद गंदगी आपके शरीर में वापस चिपक जाती है। अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए कभी भी लूफा को इस्तेमाल करने के बाद उसे गीला बाथरूम में न छोड़े उसे धूप में जरूर सूखा लें।

बाथरूम चप्पल ना पहनना

जब भी बाथरूम में जाएं तो बाथरूम चप्पल जरूर पहनें, आपके पैर संक्रमण के वाहक बन सकते हैं। बाथरूम चप्पल आपको गीले बाथरूम में न सिर्फ फिसलने से बचाते हैं बल्कि कई तरह के संक्रमण जैसे फंगल इंफेक्शन, एथलीट फुट, पैर के तलवों में मस्से और स्टैफिलोकोकल संक्रमण से भी बचाने में मदद करते हैं।

तौलियों को ना धोना-
गीले तौलिए को बाथरूम जैसे नम और कम रोशनी वाली जगह पर टांगते हैं तो इसमें बैक्टीरियां और फंगी जैसे माइक्रोऑर्गेनिज्म पनपने की आशंका बढ़ जाती है।आपके तौलिए पर मल-मूत्र और शारीरिक स्राव के कुछ हिस्से के साथ ही डेड स्किल सेल्स भी मौजूद होते हैं। तीन से पांच बार इस्तेमाल के बाद आपको अपने तौलिए को धो देना चाहिए।

-तनाव का कारण-
मोबाइल का अधिक इस्तेमाल आपके लिए चिंता और अवसाद का कारण भी बन सकता है। अगर बाथरूम में भी अपना फोन इस्तेमाल करते हैं, तो आपको तनाव और अवसाद होना स्वभाविक है।

बवासीर-
फोन लेकर अगर कोई व्यक्ति टॉयलेट सीट पर बहुत ज्यादा देर तक बैठा रहता है तो ऐसा करने से उसके गुदा पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से पेल्विक क्षेत्र में दर्द, सूजन या रक्तस्त्राव जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

टॉयलेट में कितना समय बिताएं-
जब आप टॉयलेट जाएं, तो फोन को बाहर ही छोड़ दें। अगर ले जाना जरूरी है, तो बाद में इसे अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से अच्छी तरह साफ करें। इसके अलावा कोशिश करें, कि बहुत ज्यादा समय शौचालय में न बिताएं। विशेषज्ञों के अनुसार, किसी को मल त्याग के दौरान 10 मिनट से ज्यादा नहीं बैठना चाहिए।


 

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