दुनिया में सबसे खतरनाक है सऊदी अरब का Rub al-Khali Desert

Update: 2024-08-28 10:28 GMT

Lifetyle.लाइफस्टाइल: तेलंगाना के करीमनगर जिले से ताल्लुक रखने वाले 27 वर्षीय भारतीय युवक मोहम्मद शहजाद खान (Mohammad Shehzad Khan) ने सऊदी अरब के रुब अल खली रेगिस्तान (Rub al-Khali Desert) ने अपनी जान गंवा दी है। दरअसल, शहजाद तीन साल से सऊदी अरब स्थिति टेलीकम्युनिकेशन कंपनी में नौकरी करते थे और एक सेल फोन टावर को ठीक करने के लिए अपने सहयोगी (सूडानी नागरिक) के साथ 19 अगस्त के दिन इस रेतीले रेगिस्तान में गए थे।

इस रेगिस्तान से जिंदा लौटना मुश्किल
रेगिस्तान में दोनों रास्ता भटक गए जिसके चलते उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जीपीएस सिग्नल फेल हो गए, गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो गया और मोबाइल फोन की बैटरी ने भी जवाब दे दिया। इस जलते रेगिस्तान की गर्मी में फंसे रहने के कारण दोनों डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19 से 21 अगस्त के बीच हुई इस घटना में दोनों को बचाने की तमाम कोशिशें भी हुई, लेकिन बदकिस्मती से सफलता हाथ नहीं लगी। आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं 650 किलोमीटर तक फैले दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान रुब अल खली के बारे में, जहां एक बार जाने पर जिंदा वापस लौट पाना बेहद मुश्किल माना जाता है।
कैसा है रुब-अल खली रेगिस्तान?
सऊदी अरब के दक्षिणी क्षेत्र में 650 किलोमीटर तक फैला यह रेगिस्तान अपनी कठोर परिस्थितियों के लिए मशहूर है। यह दुनिया का सबसे खतरनाक रेगिस्तान कहलाता है, जहां रेत के अलावा कुछ नहीं है। सऊदी अरब, ओमान, यमन और यूएई में फैले इस रेगिस्तान में भीषण गर्मी पड़ती है और रास्ता भटकना भी आम बात है। पानी और खाने की भी कमी के साथ यहां जहरीले सांप और बिच्छू भी पाए जाते हैं। नर्म रेत के मैदान गाड़ियों के लिए बेहद खतरनाक हैं, साथ ही इंटरनेट ना होने और आसपास मदद ना मिलने से मुसीबत और बढ़ जाती है। इस रेगिस्तान में किसी तरह के पहचान के निशान ना होने से एक बार भटकने पर रास्ता ढूंढना नामुमकिन हो जाता है, जिससे यात्रियों की जान को हर पल खतरा रहता है।
दुनिया की सबसे लंबी सीधी सड़क
सऊदी अरब का हाईवे 10 भी इसी रेगिस्तान से होकर गुजरता है, जिसे दुनिया की सबसे लंबी सीधी सड़क होने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी प्राप्त है। विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रुब अल खली रेगिस्तान से ही 256 किलोमीटर लंबी यह पक्की सड़क होकर गुजरती है। इसमें दायीं या बायीं ओर कोई मोड़ नहीं है और ऊपर या नीचे कोई ढलान भी नहीं है। बता दें, किंग फहद के लिए एन निजी सड़क के रूप में इसका निर्माण हुआ था।
विल्फ्रेड थेसिगर की 'अरेबियन सैंड्स' में जिक्र
खतरों के बावजूद, एडवेंचर और ट्रैवल के शौकीन यात्री इस रेगिस्तान की ओर आकर्षित होते रहते हैं। एक ब्रिटिश खोजकर्ता, विल्फ्रेड थेसिगर ने 1940 के दशक में इस रेगिस्तान को पार किया और इसपर 'अरेबियन सैंड्स' नामक किताब भी लिखी जो उनके यात्रा वृतांत पर आधारित है, जिसमें वे लिखते हैं, "Empty Quarter से लौटना एक चुनौती का जवाब होगा, और वहां लंबे समय तक रहना खुद को आखिरी सीमा तक परखना होगा। इस रेगिस्तान का अधिकांश हिस्सा मुझे मालूम नहीं था। यह उन चुनिंदा जगहों में से एक था जहां अन्य लोग नहीं गए थे और मैं यहां जाने की इच्छा को पूरा कर पाया। Empty Quarter ने मुझे एक ट्रैवलर के रूप में ख्याति हासिल करने का मौका दिया, क्योंकि यहां जाति, रंग, धन और सामाजिक स्थिति के अंतर लगभग अर्थहीन थे; यहां दिखावे के आवरण उतर जाते हैं और मूल सत्य उभर आते हैं।"
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