पीसीओएस में जल्दी होगी रिकवरी, इन सुपरफूड्स को आहार में करें शामिल
आहार में करें शा
पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जिससे आज कई महिलाएं पीड़ित हैं। पीसीओएस की समस्या में पीरियड्स या तो अनियमित होते हैं या फिर होते ही नहीं। इसमें एक महिला की ओवरी में छोटी-छोटी कई सारी सिस्ट बन जाती हैं। यह कंडीशन एंड्रोजन्स नामक हार्मोन्स के ज्यादा उत्पादन से होता है।
जीवनशैली और आहार में बदलाव इस हार्मोनल डिसऑर्डर से निपटने और वजन कम करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इससे हृदय रोग, टाइप II डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है, जो बदले में महिला की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है और गर्भावस्था के दौरान कॉम्प्लिकेशन्स पैदा कर सकता है।
फंक्शनल हार्मोनल हेल्थ न्यूट्रिशनिस्ट शिखा गुप्ता अपने इंस्टाग्राम के जरिए डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़ी जानकारी साझा करती रहती हैं। उन्होंने एक पोस्ट में बताया है कि कौन-से ऐसे सुपरफूड्स हैं जो पीसीओएस नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। आइए आप भी इन सुपरफूड्स को जानें और अपनी हेल्थ को दुरुस्त करने के लिए इनका सेवन करें।
पीसीओएस के लिए बेहतर हैं ये सुपरफूड्स
पीसीओएस की समस्या के लिए कोई स्टैंडर्ड डाइट नहीं हो सकती है, लेकिन अगर आप अपने आहार को पौष्टिक बनाएंगी तो आपको इसे नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है-
हेल्दी फैट्स का करें सेवन
सभी फैट्स आपके शरीर के लिए खराब नहीं होते हैं। मोनो और पोली अनसैचुरेटेड फैट्स पीसीओएस को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं। घी, कोकोनट ऑयल, ऑलिव्स, एवोकाडो, नट्स, नट बटर, और ऑर्गेनिक पीनट बटर में ये फैट्स होते हैं। इन चीजों को अपने आहार में शामिल करना न भूलें।
पौष्टिक दालों से करें पीसीओएस कंट्रोल
दाल के बिना आपका खाना अधूरा है। अपने आहार में चना दाल, मटर, मूंग, मसूर, राजमा, तुअर, सोयाबीन, चना और अन्य दालें शामिल करें। इनमें लीन प्रोटीन होता है जो पीसीओएस को नियंत्रित करने में मदद करता है, क्योंकि वे इंसुलिन, एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन जैसे विभिन्न हार्मोन्स को सिंथेसाइज करने में मदद करता है।
मिलेट्स को करें आहार में शामिल
मिलेट्स खाने से आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। ये महिलाओं को पोस्ट-मेनोपॉज कई बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद करता है और पीसीओएस को नियंत्रित करने के लिए सबसे प्रभावी आहार है। ओट्स, ज्वार, रागी जैसे अनाज ग्लूटेन फ्री होता है जो पीसीओएस के लिए अच्छा है। इतना ही नहीं, ये कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन और अमीनो एसिड से भरपूर है, जो पीसीओएस के लिए आवश्यक हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड हैं पीसीओएस के लिए अच्छे
पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड्स जरूरी होते हैं, क्योंकि वे कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। ओमेगा-3 फैट्स ट्राइग्लिसराइड्स और इंसुलिन के स्तर में सुधार करने के अलावा सूजन और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त ओमेगा-3 फैटी एसिड नियमित ओव्यूलेशन को बढ़ावा दे सकता है, एंड्रोजन स्तर को कम कर सकता है। सैल्मन, टूना, चिया सीड्स, फ्लैक्स सीड्स, सोयाबीन ऑयल आदि ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत माने जाते हैं।
डार्क चॉकलेट्स से करें पीसीओएस नियंत्रित
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मिठाइयां, डेजर्ट्स और शुगर युक्त चीजें पीसीओएस के लिए अच्छी नहीं होती हैं। इनका सेवन कम या बहुत ही सीमित होना चाहिए। हालांकि, डाइटीशियन शिखा गुप्ता के अनुसार, अगर इन्हें सीमित मात्रा में लिया जाए तो ये पीसीओएस डाइट का हिस्सा हो सकती हैं। डार्क चॉकलेट (डार्क चॉकलेट्स के फायदे) का एक या दो टुकड़े (70% कोको या अधिक) शुगर क्रेविंग को नियंत्रित कर सकता है। इतना ही नहीं, डार्क चॉकलेट में फ्लेवोनॉयड्स होते हैं जो अच्छे मूड के साथ ही यूट्रस और ओवरी में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है।
पत्तेदार सब्जियों को करें पीसीओएस की डाइट में शामिल
केल, कोलार्ड, पालक और पत्ता गोभी जैसी सब्जियों का सेवन करें। इनमें विटामिन-ए, सी और कई महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं। इन सब्जियों में फाइबर की मात्रा भी अच्छी होती है, जिसके कारण आपका पेट लंबे समय तक भरता है और वेट गेन नहीं होता। ब्रोकोली जैसी सब्जी में क्रोमियम नामक केमिकल होता है, जो इंसुलिन के प्रोडक्शन को भी रेगुलेट करता है। साथ ही, ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित करेगा। इसके अलावा अपने आहार में फूल गोभी और ब्रूसेल स्प्राउट्स को भी शामिल करें।
आप ब्रेकफास्ट, स्नैक्स, लंच और डिनर में इन ऑप्शन्स को जरूर रखें। इसके अलावा ऐसी चीजों के सेवन से बचें जो पीसीओएस की समस्या को और बढ़ाएं।
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