इन लक्षणों से पहचानें आंत में होने वाली गड़बड़ी को, भूलकर भी न करें नजरअंदाज

आंत को शरीर का 'दूसरा मस्तिष्क' भी कहा जाता है। यह आहार नली का अहम हिस्सा होती है

Update: 2021-06-06 07:17 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |    आंत को शरीर का 'दूसरा मस्तिष्क' भी कहा जाता है। यह आहार नली का अहम हिस्सा होती है, जिसका संबंध सीधे पाचन तंत्र से होता है। अगर आंत कमजोर पड़ने लगते हैं तो पाचन संबंधी समस्याएं पैदा होने लगती हैं। इसलिए आंतों का मजबूत होना अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है। हालांकि आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों की अनियमित खानपान की आदतें और खराब जीवनशैली पाचन तंत्र को कमजोर कर देती हैं, जिससे आंतों में भी गड़बड़ी आ जाती है। सिर्फ यही नहीं, व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए भी आंतों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर व्यक्ति को आंत से जुड़ी कोई परेशानी है तो वह आसानी से सामान्य बीमारियों जैसे फ्लू आदि का शिकार हो जाता है। इसलिए आंतों में गड़बड़ी के लक्षणों को पहचानने की जरूरत है। आइए जानते हैं कि इसके क्या-क्या लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए?

अगर आपको हर समय पेट फूला हुआ या पेट में भारीपन महसूस होता है, तो इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह आंत की गड़बड़ी का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा अगर आपको कब्ज की समस्या है, दिन में दो या इससे ज्यादा बार मल त्याग करना पड़ रहा है, सांसों से दुर्गंध आती है, तो इसे भी नजरअंदाज न करें।
अगर आप अपना वजन घटाने या बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं और लगातार मेहनत करने के बाद भी इसमें सफल नहीं हो पा रहे हैं, तो ऐसा हो सकता है कि आपकी आंत सही ढंग से काम न कर रही हो। इसे भूलकर भी नजरअंदाज न करें, क्योंकि इससे परेशानी बढ़ सकती है।

खानपान सही होने के बावजूद अगर आपको दिनभर थकान का अहसास होता है, तो यह भी कहीं न कहीं यह खराब आंत का संकेत हो सकता है। अस्वस्थ आंत के कारण त्वचा संबंधी समस्याएं और महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता हो सकती है।
आंतों को कैसे मजबूत बनाएं?
रोजाना एक ही तरह का खाना न खाएं, बल्कि विभिन्न प्रकार के भोजन का सेवन करें
तनाव में न रहें
अगर तनाव है, तो इसे कम करने के लिए मेडिटेशन और मानसिक योगा करें
शराब का सेवन न करें
कैफीन और मसालेदार खाने का सेवन न करें
7-8 घंटे की बेहतर नींद लें
नोट: डॉ. विजयंत कुमार सचान अत्यधिक योग्य और अनुभवी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जन हैं। इन्होंने चेन्नई के स्टेनली मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पूर किया है। इसके बाद इन्होंने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से एमएस (जनरल सर्जरी) की पढ़ाई पूरी की है। बता दें कि डॉ. विजयंत कुमार सचान ने हैदराबाद के ग्लोबल हॉस्पिटल से सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी में सुपर स्पेशलाइजेशन भी किया है। यहां पर इन्होंने एडवांस्ड मिनिमल एक्सेस सर्जरी (लैप्रोस्कोपी) कॉम्प्लेक्स आंतों के कैंसर सर्जरी, हेपेटोबिलियरी सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांट की ट्रेनिंग ली। इनकी खास दिलचस्पी जटिल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर सर्जरी और एचपीबी सर्जरी में है। डॉ. विजयंत कुमार सचान की आईएमए और एएसआई में सदस्यता भी है। वह एक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जन हैं, जो इस क्षेत्र में 8 साल का विशाल अनुभव रखते हैं।
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