Raksha Bandhan 2021: कल है रक्षाबंधन, जानिए शुभ मुहूर्त, राखी बांधने का पौराणिक मंत्र

हिंदी पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है

Update: 2021-08-21 11:59 GMT

हिंदी पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन का त्योहार कल, 22 अगस्त रविवार के दिन मनाया जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन अत्यंत शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। इस साल पूर्णिमा की तिथि पर एक ओर घनिष्ठा नक्षत्र है तो दूसरी ओर अति विशिष्ट गजकेसरी संयोग भी बन रहा है। इस योग में राखी बांधना या कोई भी शुभ कार्य करना सौभाग्यशाली माना जाता है। आइए जानते हैं इस साल रक्षाबंधन के त्योहार पर बनने वाले शुभ संयोग, मुहूर्त और नक्षत्र की स्थिति के बारे में....

रक्षाबंधन पर शुभ मुहूर्त और नक्षत्र की स्थिति
पंचांग के अनुसार सावन पूर्णिमा की तिथि 21 अगस्त को सांय काल 07 बजे से शुरू हो कर 22 अगस्त को शाम को 05 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के कारण रक्षाबंधन का त्योहार 22 अगस्त को ही मनाया जाएगा। ज्योतिष गणना के अनुसार 22 अगस्त को शाम को 07 बजकर 40 मिनट तक घनिष्ठा नक्षत्र है जो बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके साथ ही बृहस्पति और चंद्रमा की युति के कारण गजकेसरी योग बन रहा है। इस योग को राजसी सम्मान और सुख देने वाला माना जाता है। इसके अलावा पूर्णिमा तिथि पर भद्रा न होने के कारण पूरे दिन राखी बांधी जा सकेगी केवल शाम को 05.14 से 06.49 बजे तक राहुकाल रहेगा। राहु काल में राखी न बांधे ये काल अशुभ माना जाता है।
राखी बांधने का पौराणिक मंत्र
शुभ मुहूर्त में भाइयों को पूर्व दिशा में मुंह करके राखी बांधनी चाहिए। राखी बांधते समय भाई और बहन दोनों को अपना सिर ढ़क लेना चाहिए। पहले भाई के माथे पर कुमकुम, रोली और अक्षत का तिलक लगाएं और घी के दीपक से आरती उतारें। राखी बांधते समय इस पौराणिक मंत्र का उच्चारण करना शुभ माना जाता है। लेकिन मंत्र का उच्चारण शुद्ध करना चाहिए। रक्षाबंधन का पौराणिक मंत्र –
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां रक्षबन्धामि रक्षे मा चल मा चल ||
डिसक्लेमर
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