बच्चे की परवरिश आत्मविश्वास से भरपूर पैरेंट्स

Update: 2024-05-27 15:16 GMT
लाइफस्टाइल:  कई बार पैरेंट्स अनजाने में ही सही ऐसी कुछ ग़लतियाँ कर जाते हैं जिसका गहरा असर बच्चों के व्यवहार पर दिखता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े तो आपको बच्चे के सामने ये बातें कहने से हमेशा बचना चाहिये। बच्चे की अच्छी  परवरिश को लेकर सभी पैरेंट्स गंभीर होते हैं क्योंकि वो उसको आत्मविश्वास से भरपूर एक ऐसा इंसान बनाना चाहते हैं जो किसी भी परिस्थिति का सामना कर सके और समाज में उनका नाम रोशन करे। लेकिन, कई बार पैरेंट्स अनजाने में ही सही ऐसी कुछ ग़लतियाँ कर जाते हैं जिसका गहरा असर बच्चों के व्यवहार पर दिखता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े तो आपको बच्चे के सामने ये बातें कहने से हमेशा बचना चाहिये। जानते हैं वो कौन सी बातें हैं जो बच्चों का आत्मविश्वास कम कर सकती हैं-तुलना करना 
पैरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा भी दूसरों के बच्चों के जैसे हर चीज़ में आगे रहें और इसलिए अक्सर पैरेंट्स बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों के साथ करते हैं। लेकिन, ऐसा करने से बच्चों का आत्मविश्वास कम होने लगता है और अंत में बच्चा ख़ुद यह मानने लगता है कि वह उन बच्चों से बेहतर नहीं है और उसकी आगे बढ़ने की क्षमता खत्म होने लगती है।
दूसरों के सामने कमी निकालना बच्चों को सुधारने के लिए ज़रूरी है कि पैरेंट्स उनकी गलती पर उन्हें डाँटें और समय-समय पर उनकी कमियाँ उन्हें बताते रहे जिससे वो ख़ुद को सुधार सकें। लेकिन, कई बार पैरेंट्स बच्चों को दूसरों के सामने ही डाँटने लगते हैं और उनकी कमियाँ निकालने लगते हैं। ऐसे में बच्चे शर्मिंदगी महसूस करने लगते हैं और उनका आत्मविश्वास कम होने लगता है। इसकी जगह आप उन्हें अकेले में प्यार से समझाने की कोशिश करें।
हमेशा अपनी बात मनवाना
हर बच्चा अपने आप में ख़ास होता है और उनके शौक़ और रुचि भी अलग होती हैं। हो सकता है आपके बच्चे को म्यूजिक, डांस का शौक़ हो या खेल का हो। लेकिन, पैरेंट्स बच्चे के मन को जाने-समझे बिना उनके ऊपर अपनी मर्ज़ी थोपने की कोशिश करते हैं। जो वो ख़ुद नहीं कर पाते हैं वो अपनी मर्ज़ी बच्चों को थोपने की कोशिश करते हैं। जब बच्चे अपने मन का काम नहीं कर पाते हैं तो मन में कुंठा महसूस होती है। इससे उनका आत्मविश्वास कम होने लगता है।
डाँटने और पीटने से बचें
कई बार पैरेंट्स अपने बच्चों को बात-बात पर मारपीट करते हैं। इससे बच्चे और ज्यादा ढीट हो जाते हैं और फिर कुछ दिनों बाद उनके ऊपर किसी बात का कोई असर नहीं होता है, वो मन ही मन ठान लेते हैं कि अगर अपने मन का काम नहीं कर पायेंगे तो आपके मन का भी नहीं करेंगे। फिर धीरे-धीरे उनका किसी भी बात में मन नहीं लगता है और आत्मविश्वास धीरे-धीरे कम होता जाता है।
हर काम कर देना
कई पैरेंट्स बच्चों के हर काम को ख़ुद कर देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि बच्चे उस काम को ठीक तरीक़े से नहीं कर सकेंगे। ऐसे में किसी भी काम को ख़ुद करने का साहस वो नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन्हें काम ख़राब होने का डर बना रहता है। यह उनके आत्मविश्वास को कम करने का कारण बन जाता है। तो, आप भी अगर अपने बच्चे को हमेशा आत्मविश्वास से भरपूर देखना चाहते हैं तो भूलकर भी ये ग़लतियाँ कभी नहीं करें।
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