डायबिटीज, जिसे मधुमेह और शुगर के नाम से भी जाना जाता है। ये बीमारी आनुवांशिक भी हो सकती है और इसके अलावा आपकी खराब लाइफस्टाइल भी इसे बुलावा दे सकती है।भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। डायबिटीज दो तरह की होती है टाइप 1 और टाइप 2। जहां टाइप 1 डायबिटीज जेनेटिक होती है। वहीं, टाइप 2 डायबिटीज लाइफस्टाइल में गड़बड़ी की वजह से, तो टाइप-2 डायबिटीज को लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव कर काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। तो सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि कौन सी आदतें आपको बना सकती हैं टाइप-2 डायबिटीज का शिकार।
1. एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर आपका वजन बहुत ज्यादा है, तो आपको टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।
2. उम्र बढ़ने के साथ भी मधुमेह का खतरा बढ़ता जाता है। खासतौर से 45 साल के बाद यह समस्या बहुत ज्यादा देखने को मिलती है।
3. किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटीज़ न करने वालों को भी डायबिटीज़ होने की बहुत ज्यादा संभावना रहती है। गतिहीन जीवन शैली से वजन बढ़ता है। जिसके चलते सिर्फ शुगर ही नहीं हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट प्रॉब्लम्स जैसे बीमारियां भी हो सकती हैं।
4. इसके अलावा मेंटल हेल्थ का सीधा असर शुगर पर भी पड़ता है। ऐसे में नियमित तौर पर ध्यान और मेडिटेशन जरूर करें।
डायबिटीज के लक्षण
बार-बार पेशाब लगना
चिड़चिड़ापन
थकान का एहसास
घाव जल्दी न भरना
मुंह सूखना
डायबिटीज के पेशेंट्स का ब्लड शुगर लेवल ना तो सामान्य से ज्यादा होना ठीक होता है और ना ही कम होना ठीक होता है। ऐसे में समय-समय पर इसकी जांच कर लेवल का पता लगाते रहना जरूरी है। डायबिटीज का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ना या एकदम से कम होना, दोनों ही स्थिति मरीज के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। कई बार तो इनकी वजह से जान भी जा सकती है।