अच्छी आदत है राशन संरक्षित करना, इन 6 तरीकों से रखें इसे सुरक्षित
अच्छी आदत है राशन संरक्षित करना,
गत वर्ष जब पहली बार कोरोना की पहली लहर आई तो आम लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या राशन की आई। पूर्ण तरह से लगे लॉकडाउन में सरकारी आदेशों ने सिर्फ किराना, डेयरी और मेडिकल संस्थानों को खोलने की अनुमति प्रदान की। अचानक आई महामारी से सबसे बड़ी समस्या खाद्य सामग्री को लेकर आई। खाद्य सामग्री के संस्थानों में उपलब्ध सामाना चंद दिनों में ही खत्म हो गया। ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई और आम इंसान जो बेरोजगार हो चुका था, उसे अपने लिए उस धन का व्यय करना पड़ा जो उसने आपातकालीन समय के लिए रख छोड़ा था।
कोरोना की पहली लहर ने गृहिणी को यह सिखाया कि रसोई में सामान आड़े वक्त के लिए पहले से ही एकत्रित करके रखा जाए, जिससे यदि फिर कभी ऐसा मौका पड़े तो कम से कम पेट की अग्नि को तो शांत किया जा सके। कुछ ही वक्त गुजरा और आम इंसान को फिर उन्हीं हालातों का सामना करना पड़ा। लेकिन इस बार पिछली बार की तरह खाद्य सामग्री की संस्थाओं पर मारामारी दिखायी नहीं दी। वजह यह थी कि गृहिणियों से पहले से इसकी तैयारी करके रखी थी, नतीजा हर वस्तु आसानी से बाजार में उपलब्ध रही।
कोरोना की दोनों लहरों ने हर घर में अब राशन एकत्रित करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया है। अपनी आवश्यकता के अनुसार अब गृहिणियाँ छह माह की खाद्य सामग्री को एकत्रित करके रखने लगी हैं। लेकिन उन्हें इस बात की शिकायत हो रही है कि एकत्रित खाद्य सामग्री में कीट व कीटाणु पड़ जाते हैं। उनके चेहरे पर एक ही सवाल दिखाई देता है कि किस तरह से इस राशन को सुरक्षित रखा जाए। आइए आज हम आपको बताते हैं कि आपके द्वारा खरीदे गए छह माह या साल भर के राशन को आप किस तरह से संरक्षित रख सकती हैं।
1. धूप में अच्छी तरह सुखाइए
एक साथ लाए गए राशन को अलग-अलग डिब्बों में भरकर रखने से पहले आप सभी अनाज को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें। पूरे दिन की तेज धूप में राशन अच्छी तरह से सूख जाएगा, उसके बाद उसे अपने हिसाब से अलग-अलग डिब्बें में बंद करके रख दें।
2. नमी का रखें विशेष ध्यान
अनाज को धूप में सुखाने के बाद डिब्बों में रखने के बाद आप इन डिब्बों को जिस स्थान पर रख रही हैं उस स्थान को भी अच्छी तरह से जाँच लें। विशेष रूप से नमी को जरूर देंखें। जिस जगह पर राशन को संरक्षित कर रहे हैं, वहाँ पर नमी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। इस स्थान पर बारिश में सीलन पैदा न हो इसका ध्यान रखना है।
3. अनाज को साफ करें
अनाज का भंडारण करने से पहले ध्यान रखें कि अनाज को साफ कर लें। इसमें से टूटे-फूटे और कीड़े लगे दानों को निकाल दें। यदि आप ऐसा नहीं करेंगी तो जिन दानों में कीड़ा लगा है वह धीरे-धीरे करके और दानों में भी लगना शुरू हो जाएगा और पूरा अनाज खराब हो जाएगा।
4. पुराने अनाज के साथ न रखें नया अनाज
आप को इस बात का भी ध्यान रखना है कि डिब्बे में बचे पुराने अनाज के साथ नया अनाज न मिलाएँ। पहले बचे हुए अनाज को निकाल लें, फिर उसे कपड़े से अच्छी तरह से साफ करें। उसके बाद उसमें नया अनाज भरे।
5. स्टील या कांच के बर्तनों का करें उपयोग
खाद्य सामग्री को संरक्षित रखने के लिए सबसे उपयुक्त स्टील या काँच के बर्तन होते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इनमें नमी का असर अनाज तक नहीं पहुँचता है। खुदा-न-खाश्ता जिस स्थान पर आप राशन संरक्षित कर रही हैं वहाँ नमी आ जाती है तो भी आपको चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह नमी स्टील व काँच के बर्तनों के अंदर नहीं जाती है।
6. लक्ष्मण रेखा खींचें
अनाज की गंध पर कीट-कीटाणु से पहले चींटियाँ का आगमन होता है। चींटियों की संूघने की शक्ति सबसे ज्यादा होती है। वो दूर से ही अनाज की गंध सूंघ लेती हैं। चीटियों से बचाने के लिए डिब्बों के आसपास चॉक से रेखा खींच दें। यह विशेष चॉक (आम तौर पर इसे लक्ष्मण रेखा चॉक कहा जाता है) बाजार में आसानी से मिल जाती है।
नोट—हम दावा तो नहीं करते हैं अपितु आश्वस्त जरूर कर सकते हैं कि इन तरीकों को आजमाने से आप अपने संरक्षित राशन को पूरी तरह से सुरक्षित रख सकती हैं। यह लेखक के अपने विचार हैं। जरूरी नहीं है कि आप इससे सहमत हों। इन उपायों को करने से पहले आप अपने स्वयं के अनुभव का भी इस्तेमाल करें।