शारीरिक और मानसिक बीमारियों समस्या,दोष और बैलेंस करने का तरीका

Update: 2022-06-28 11:54 GMT

शारीरिक और मानसिक बीमारियों के इलाज के लिए लोगों का झुकाव आयुर्वेद की तरफ बढ़ रहा है। आयुर्वेद में ऐसा माना जाता है कि अगर आपके शरीर के सारे दोष बैलेंस हैं तो शरीर में कोई बीमारी नहीं हो सकती। दोषों का बैलेंस बिगड़ने पर ही कई तरह की शारीरिक और मानसिक बीमारियां होती हैं। आयुर्वेद आपके शरीर को बाहरी वातावरण से बैलेंस करना सिखाता है। अगर आपको पता रहे कि आपके शरीर की प्रकृति क्या है। तो उसी हिसाब से खान-पान में बदलाव करके आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। अगर आप आयुर्वेद नया-नया जान या सीख रहे हैं तो यहां कुछ बातें हैं जो आपके काम आ सकती हैं।

तीन तरह के होते हैं दोष
चरक संहिता के मुताबिक हमारा शरीर, अग्नि, वायु, जल, आकाश और पृथ्वी पांच तत्वों से मिलकर बना है। हेल्दी रहने के लिए इन तत्वों का बैलेंस बना रहना चाहिए। हर इंसान की प्रकृति अलग होती है। दोषों को तीन कैटिगरीज में बांटा गया है, कफ दोष, पित्त दोष और वायु या वात दोष। आज जानें वात दोष के बारे में।
वात दोष
इस तरह के लोगों का वजन मुश्किल से बढ़ता है। इनका मेटाबॉलिजम तेज होता है। इनके हाथ-पैर ठंडे रहते हैं त्वचा और बाल ड्राई होते हैं। इनकी पल्स तेज रहती है। इन लोगों को कब्ज रहता है। इन्हें गैस और डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें रहती हैं। जिनका शरीर वात दोष प्रकृति का होता है उनमें थकान रहती है, नींद ठीक से नहीं आती, चक्कर आते हैं, मुंह का स्वाद कड़वा रहता है। इन्हें जुकाम भी जल्दी होता है। ऐसे लोग शर्मीले और सेंसिटिव भी होते हैं। ये भी पढ़ें: आयुर्वेद: धूप में रखा पानी पीने के हैं कई फायदे, जानें कैसे तैयार करें सन चार्ज्ड वॉटर
कैसे करें बैलेंस
ज्यादा तेल मसाले और तीखे खाने से वात दोष बढ़ता है। ऐसे लोगों को हेल्दी सादा खाना लेना चाहिए। ऐसा खाना जो आसानी से पच जाए जिसमें नमक, खट्टा-मीठा सब स्वाद शामिल हो। अगर आपको वात दोष है तो कोशिश करें 10 बजे से पहले सो जाएं। इन्हें कोल्ड ड्रिंक नहीं पीना चाहिए। आलू, पत्ता गोभी और फूल गोभी भी कम खाना चाहिए। वात दोष बैलेंस करने के लिए किशमिश को रातभर भिगाकर सुबह खाएं। इन्हें पपीता, आम और कीवी जैसे फल फायदा करेंगे। इसके अलावा योग, प्राणायाम और घर का सुपाच्य खाना आपके लिए अच्छा रहेगा।



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