लाइफस्टाइल: स्किन के अंदर लाल और मवाद भरे दानों को फोड़ा कहते हैं। यह काफी दर्दनाक होता है। यह तब तक ठीक नहीं होता है, जब तक यह पककर फूट न जाए। खासतौर से बरसात के मौसम में फोड़ा-फुंसी जैसी स्किन की समस्या कई लोगों को परेशान करती है। कई बार गर्दन, चेहरे पर भी ये फोड़े हो जाते हैं, जिनमें पीले रंग का पस आ जाता है और छूने पर दर्द होता है। आसपास की त्वचा लाल और सूज जाती है। आमतौर पर फोड़े-फुंसी बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होता है। बैक्टीरिया जब शरीर के अंदर जाता है तो सफेद रक्त कोशिकाएं बैक्टीरिया पर हमला करती हैं, जिससे उसके आसपास के ऊतक नष्ट हो जाते हैं। इससे वहां खाली जगह बन जाती है और पस भर जाती है। आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे घरेलू उपचार लेकर आए हैं जो दर्दभरे फोड़े-फुंसी से राहत दिलाने का काम करेंगे। आइये जानते हैं इनके बारे में...
हल्दी
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो रक्त को शुद्ध करते हैं। इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। यह अपने आप फोड़े से मवाद को बाहर निकालने में मदद करते हैं। पेस्ट बनाने के लिए एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर में पांच से छह बूंद पानी मिलाएं। राहत पाने के लिए इसे तीन दिनों तक रोजाना दो बार फोड़े पर लगाएं।
नारियल का तेल
नारियल के तेल में भी एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो फोड़े-फुंसी से छुटकारा दिला सकते हैं। इसके साथ टी ट्री ऑयल में एंटीमाइक्रोबियल और एंटीसेप्टीक गुण होते हैं। दोनों को मिलाकर मिश्रण बनाएं और दिन में तीन-चार बार प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। इस प्रक्रिया को सप्ताह भर दोहराएंगे तो फायदा मिलेगा।
पार्सले
अजमोद एक प्राकृतिक लेप की तरह काम करता है, जो दर्द को कम करने और मवाद को हटाने में मदद करता है। इसकी पत्तियां सूजन कम करके फोड़े को नर्म करती हैं। पानी में अजमोद के पत्तों को तब तक उबालें जब तक वे कोमल न हो जाएं। इन पत्तों को फोड़ों पर ठंडा होने के बाद लपेटें।
एलोवेरा
फोड़े-फुंसी का इलाज करने के लिए एलोवेरा जेल काफी प्रभावी हो सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो फोड़े-फुंसी में होने वाली सूजन को कम कर सकता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए एलोवेरा जेल में हल्दी मिक्स करके पीस लें। इससे फोड़े-फुंसी का इलाज किया जा सकता है।
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा के साथ नमक मिलाकर मिश्रण बनाकर फोड़े फुंसी को पकाने और उसका पस निकालने में मदद मिलती है। इन्हें मिलाकर पानी के साथ पेस्ट बनाएं और करीब 20 मिनट रहने दें। फिर पेस्ट हटाने से पहले हल्का सा दबाकर पस को निकालें। दिन में एक बार ही इस प्रक्रिया को करें। बेकिंग सोडा एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण संक्रमण से बचाता है।
अदरक
अदरक रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और मवाद के बनने, सूजन को कम करने में मदद करता है। इससे मवाद या पस आसानी से बाहर निकल जाता है। अदरक की चाय में कपड़े का एक टुकड़ा डुबोएं और फोड़ों पर प्रत्येक दिन दो बार 15 मिनट के लिए रखें। आप जल्द ही फोड़े से छुटकारा पा जाएंगे।
नीम
नीम का एंटी वायरल और एंटी फंगल गुण फोड़े-फुंसी सही करने में मदद करता है। इसके लिए नीम की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बनाएं और इसे फोड़े-फुंसी पर लगाकर 20 मिनट रहने दें और फिर साफ पानी से धो दें। इस उपाय को दिन में तीन-चार बार कर सकते हैं।
प्याज
प्याज एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं और हानिकारक सूक्ष्मजीवों के विकास को दबाते हैं। मवाद या पस निकालने के लिए फोड़े पर प्याज के रस की दो से तीन बूंदें लगाएं।
तुलसी
फोड़े-फुंसी की परेशानी से छुटकारा पाने के लिए तुलसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो इससे आप फोड़े-फुंसी से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए तुलसी की पत्तियों को पील लें। अब इस लेप को फोड़े-फुंसियों पर लगाएं। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।
बबूल
बबूल की पत्तियों को उबालकर उसे पानी में मिलाकर कुल्ला करने से दांत व मसूड़े मजबूत होते हैं। बबूल की पत्तियों का रस निकालकर सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से गर्मी के फोड़े-फुंसी में आराम मिलता है।