दुनिया में खलबली मचा रहा ओमिक्रॉन वेरिएंट, डॉक्टर आखिर कैसे कर रहे हैं संक्रमित मरीज का इलाज?

दो महीने पहले ही कोरोना वायरस के खिलाफ जंग खत्म होने की उम्मीद जग रही थी

Update: 2021-12-30 08:31 GMT
दो महीने पहले ही कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जंग खत्म होने की उम्मीद जग रही थी. पिछले महीने से ही ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) ने खलबली मचाना शुरू कर दिया. अब इसके कारण दुनिया भर के साथ भारत में भी कोविड-19 की नई लहर के आने के संकेत मिलने लगे हैं. दिल्ली और मुंबई में कोरोना संक्रमण मामलों की संख्या में तेजी से इजाफा इसी ओर संकेत कर रहा है. ओमिक्रॉन संक्रमण के लक्षण पिछले कोरोना वेरिएंट से कुछ अलग हैं इसलिए इसका इलाज (Corona Treatment) भी अलग तरह से हो रहा है. दिल्ली के डॉक्टरों ने बताया है कि वे इस नए वेरिएंट से संक्रमित मरीजों का इलाज किस तरह से कर रहे हैं.
कम ही मरीज मिले हैं ओमिक्रॉन के
दिल्ली में ओमिक्रॉन वेरिएंट के इलाज के लिए अभी लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में ही व्यवस्था की गई है. एलएनजेपी में अभी तक ओमिक्रॉन वेरिएंट के अब तक केवल 40 ही मामले आए हैं इसमें से 19 को छुट्टी भी दे दी गई है. एलएनजेपी के डॉक्टरों का कहना है कि दुनिया भर में मिल रहे ओमिक्रॉन मरीजों के जैसे लक्षण दिल्ली में भी मिल रहे हैं.
क्या हैं ओमिक्रॉन के लक्षण
एलएनजेपी के डॉक्टरों का कहना है कि यहां आ रहे ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजो में असिम्पटोमैटिक यानि अलाक्षणिक मरीजों की संख्या ज्यादा है. इनमें गले में खराश, निचले स्तर का बुखार और शरीर के अंगों में दर्द जैसे लक्षण ही दिख रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इसके लिए मल्टीविटामिन और पैरासिटमॉल जैसी दवाओं से इलाज कर कर रहे हैं.
गंभीर इलाज की जरूरत नहीं
ओमिक्रॉन वेरिएंट के इस समय चल रहे इलाज के बारे में एनएलजेपी के एक वरिष्ठ डॉक्टर का कहना है, "हमें नहीं लगता है कि फिलाहाल मरीजों किसी दूसरी तरह की दवा को देनी की जरूरत है. ओमिक्रॉन के बारे में बताया जा रहा है कि यह वेरिएंट तेजी से फैलता जरूर है,लेकिन इसका प्रभाव डेल्टा वेरिएंट की तुलना में खतरनाक नहीं है.
डेल्टा वेरिएंट की तरह घातक लक्षण नहीं
ओमीक्रॉन सार्स कोव-2 का सबसे नया वेरिएंट है जो पिछले महीने सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. इसके बारे में माना जाता है कि यह डेल्टा वेरिएंट से भी तेजी से फैलता है. इतना ही नहीं पिछले वेरिएंट के विपरीत इस संक्रमण में वायरस फेफड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना गले में पनपता है.
फेफड़ों को नहीं करता प्रभावित
डाक्टरों का कहना है कि ओमिक्रॉन मरीजों को और दूसरे तरह के उपचारों की जरूरत नहीं होती है. जहां डेल्टा वेरिएंट सीधे फेफड़ों को प्रभावित करता था और उससे मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती थी और उसे निमोनिया तक हो जाता था. ओमिक्रॉन वेरिएंट के संक्रमितों में इस तरह के लक्षण नहीं दिख रहे हैं.
क्या था पहले मरीज का अनुभव
दिल्ली के ओमिक्रॉन के पहले मरीज, जो हाल ही में ठीक भी हो चुका है, का भी यही कहना है कि उसे किसी तरह के कोई लक्षण नहीं दिखे थे और जब उसने अपना टेस्ट कराया था तब उसे भी विश्वास नहीं हुआ था कि वह ओमिक्रॉन संक्रमित है. इसकी एक वजह यह भी थी की वह पहले भी कोविड संक्रमित हो चुका था. 37 वर्षीय इस व्यक्ति का कहना था कि उसे किसी भी तरह के लक्षण नहीं दिखे थे.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 67 से ज्यादा ओमिक्रॉन के मामले आ चुके हैं उनमें से 23 मरीजों को छुट्टी भी दे दी गई है. शुक्रवार तक भारत में ओमीक्रॉन के केवल 358 थे लेकिन तब से इस संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. केंद्र ने राज्य सरकारों को चेता दिया है कि क्रिसमस और नए साल के जश्न के माहौल में सावधानी बरतने की जरूरत है.
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