Omicron Symptoms: ओमिक्रॉन के लक्षण कैसे अलग होते हैं जिन्हें वैक्सीन लग गई है और जिन्हें नहीं लगी है

Omicron Symptoms कोविड का एक अत्यधिक संक्रामक वेरिएंट दुनियाभर में फैल चुका है जिससे अब वैक्सीन या फिर बूस्टर डोज़ लगवाना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। हालांकि ओमिक्रॉन के ज़्यादातर मामले अभी तक हल्के ही हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप इसे मामूली समझकर एहतियात न बरतें।

Update: 2022-02-05 05:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हेल्थ एक्सपर्ट्स लगातार लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि वे जल्द से जल्द कोविड-19 की वैक्सीन लगवा लें। वैक्सीन के बाद भी कोविड संक्रमण हो सकता है, लेकिन शोध में देखा गया है कि जिन लोगों को कोरोना की पूरी वैक्सीन लग गई थी उनमें, जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी उनके मुकाबले गंभीर बीमारी के लक्षण नहीं दिखे और वायरस के खिलाफ इम्यून रिस्पॉन्स भी बेहतर दिखा।

अब कोरोना वायरस का एक अत्यधिक संक्रामक वेरिएंट दुनियाभर में फैल चुका है, जिससे अब वैक्सीन या फिर बूस्टर डोज़ लगवाना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। हालांकि, ओमिक्रॉन के ज़्यादातर मामले अभी तक हल्के ही हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप इसे मामूली समझकर एहतियात न बरतें। जिन लोगों को अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है, वे अभी भी ख़तरे में हैं।
ओमिक्रॉन के लक्षण हल्के क्यों हैं?
कई अटकलें लगाई गई हैं कि ओमिक्रॉन वेरिएंट पिछले कई वेरिएंट्स की तुलना में हल्का क्यों है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि ज़्यादातर लोगों को पहले भी कोविड से संक्रमित होकर प्राकृतिक प्रतिरक्षा मिल गई है, वहीं कुछ का मानना है कि वैक्सीन गंभीर लक्षणों को रोकने में अपनी भूमिका निभा रही है। हालांकि, जो लोग उच्च जोखिम वाले समूहों के अंतर्गत आते हैं और अभी भी वैक्सीन नहीं लगी है, तो उन्हें कोविड-19 से जुड़ी जटिलताओं का ख़तरा हो सकता है।
जिन्हें वैक्सीन लग गई है और जिन्हें नहीं लगी है: उनमें लक्षण कैसे अलग हैं?
जब एक बड़ी आबादी को एक या फिर वैक्सीन की दोनों डोज़ लग गई है, तो ऐसे समय में, ब्रेकथ्रू संक्रमण अधिक प्रचलित हो जाते हैं। ब्रेकथ्रू इंफेक्शन तब होता है कोविड-19 वैक्सीन की एक या दोनों डोज़ लगने के बाद भी जब एक व्यक्ति संक्रमित हो जाता है। बूस्टर डोज़ के बाद भी एक व्यक्ति संक्रमित हो सकता है और उसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान, एक बड़ी आबादी, जिन्हे वैक्सीन लगी और जिन्हें नहीं लगी, वे सभी कोविड-19 से प्रभाावित हुए थे। हालांकि, आंकड़ों से पता चलता है कि इस दौरान जो लोग गंभीर रूप से बीमार हुए थे उनमें से ऐसे लोग ज़्यादा थे जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी थी।
इसी तरह जब बात आती है ओमिक्रॉन वेरिएंट की, तो जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है और जिन्हें नहीं लगी है उनमें लक्षण अलग-अलग तरह महसूस होंगे, खासतौर पर गंभीर मामलों में। रिपोर्ट्स के अनुसार, सिर दर्द, नाक बहना, जोड़ों में दर्द, गले में ख़राश कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो वैक्सीन लग चुके लोगों में देखे गए हैं। वहीं, अगर आपको वैक्सीन नहीं लगी है, तो आपको सांस लेने में तकलीफ, सांस फूलना जैसे गंभीर लक्षणों का अनुभव भी हो सकता है।
जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है क्या उनमें लक्षण अधिक समय तक रहते हैं?
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ़्रांसिस्को के एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. पीटर चिन-होंग के अनुसार, जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है उन्हें ओमिक्रॉन के लक्षणों का लंबे समय तक अनुभव होने की संभावना कम है। जिन्हें पूरी तरह से वैक्सीन लग गई है, उनमें लक्षण एक या दो दिन तक ही रहेंगे। वहीं, एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी उन्हें कोविड के लक्षण 5 या उससे ज़्यादा दिन के लिए परेशान कर सकते हैं।
ओमिक्रॉन का सबसे आम लक्षण
शुरुआती रिसर्च के मुताबिक, ओमिक्रॉन वेरिएंट हल्का पाया गया। सिर दर्द, हल्का बुख़ार, गले में ख़राश, शरीर में तीव्र दर्द, रात में पसीना आना, उल्टी और भूख न लगना इस नए वेरिएंट के कुछ आम लक्षण हैं। डेल्टा के मुकाबले, लगातार खांसी, सुगंध और स्वाद की हानी और तेज़ बुख़ार जैसे लक्षण इस बार ओमिक्रॉन में नहीं देखे जा रहे हैं।


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