यूट्रस में नहीं बनेगी रसौलियां और गांठें, डाइट में शामिल करें ये चीजें

महिलाओं को यूट्रस से जुड़ी एक समस्या अब आम ही सुनने को मिल रही है। रसौली की समस्या जिसे हम आम भाषा में गांठें भी कहते हैं।

Update: 2022-06-05 12:36 GMT

महिलाओं को यूट्रस से जुड़ी एक समस्या अब आम ही सुनने को मिल रही है। रसौली की समस्या जिसे हम आम भाषा में गांठें भी कहते हैं। इससे गर्भाश्य या उसके आस-पास की जगह पर गांठे बनने लगती है। ये गांठें, पीरियड्स से लेकर प्रेग्नेंसी तक की समस्या पैदा कर सकती हैं।

अगर आपको पीरियड्स में बहुत हैवी ब्लीडिंग होती है या पीरियड्स अनियमित रहते हैं
.पेट के निचले हिस्से में दर्द
.खून की कमी हो रही है
.कमजोरी महसूस होती है
.पेशाब रुक-रुककर आता है
.बदबूदार डिस्चार्ज होता है तो ये लक्षण यूट्रस में गांठें होने के हो सकते हैं।
जहां पहले ये 30 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को ये प्रॉब्लम होती थी लेकिन आज ये टीनएज लड़कियों को भी होने लगी है। आज के समय में इसका सबसे बड़ा कारण बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल है।
अगर आपका खाना-पीना सहीं नहीं आप हैल्दी की बजाए अनहैल्दी खाना खाती हैं। पानी कम पीती है और फिजिकल एक्टिविटी नहीं करती और मोटापे की शिकार है तो आपको यूट्रस में गांठें की समस्या कम उम्र में ही हो सकती है।
इसके अलावा एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा ज्यादा होने से
गर्भनिरोधक गोलियों का ज्यादा सेवन करने से
मोटापे की वजह से और रसौली परिवार के एक जनरेशन से दूसरी जनरेशन में भी चलती है जो ज्यादातर हार्मेंन्स के स्तर से निर्धारित होती है।
रसौली से बचने के उपाय
सबसे पहले अपना लाइफस्टाइल हैल्दी रखें। हरी सब्जियां, साबुत अनाज, ताजे फलों का जूस औऱ सूखे मेवे, भरपूर पानी अपनी डाइट में शामिल करें। इससे बचने के लिए आप कुछ देसी नुस्खे भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
जैसेः आंवला जूस
आंवला का जूस रसौली दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है। आंवला में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। रोजाना सुबह एक बड़ा चम्मच आंवला के जूस में थोड़ा सा शहद मिक्स करके खाली पेट पीएं इससे गांठों की समस्या नहीं होगी।
ग्रीन-टी
ग्रीन-टी भी रसौली की कोशिकाओं को बनने से रोकती है। इसके लिए रोज 2 कप ग्रीन टी का सेवन करें लेकिन याद रखें कि आपको ज्यादा ग्रीन-टी का सेवन भी नहीं करना है।
हल्दी
हल्दी में मौजूद एंटीबॉयोटिक गुण शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। साथ ही इससे गर्भाश्य कैंसर का खतरा भी कम होता है।इसलिए हल्दी को सब्जी के रूप में शामिल करें या हल्दी वाला दूध जरूर पीएं। हफ्ते में 2 से 3 बार आप इसका सेवन कर सकते हैं।
लहसुन
खाली पेट रोज 1 लहसुन की कली का सेवन करें। लगातार 2 महीने तक इसका सेवन अगर यूट्रस में गांठें बनी है तो आराम मिलेगा।
इसके अलावा 30 मिनट की सैर, व्यायाम और योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। आप जितना स्ट्रेस फ्री रहेगी बीमारियां भी आपसे उतना ही दूर रहेगी।
अगर समस्या ज्यादा बढ़ गई है तो स्त्री विशेषज्ञ से परामर्श लेना ना भूलें।


Tags:    

Similar News

-->