National Reading Day 2024: पुस्तकालय आंदोलन के जनक कहे जाने वाले पुथुवायिल नारायण पणिकर के सम्मान में हर साल 19 जून के दिन राष्ट्रीय पठन दिवस मनाया जाता है. कहते हैं किताबें हमारी दोस्त होती हैं. जब किसी का साथ अच्छा नहीं लगता तब भी मन को सुकून देने का काम करती हैं किताबें. सभी तक किताबें पहुंचाने और उनकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए पुथुवयिल नारायण पनिकर (Puthuvayil Narayana Panicker) ने ग्रामीण इलाको में पुस्तकालय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था. साल 1945 में पी. एन. नारायण ने त्रावणको लाइब्रेरी एसोसिएशन की स्थापना की थी. इसके बाद 19 जून, 1995 में उनका निधन हो गया. साल 1996 से पी. एन. नारायण के सम्मान में राष्ट्रीय पठन दिवस मनाया जाने लगा. रीडिंग डे के अवसर पर यहां जानिए ऐसी किताबों (Books) के बारे में जो सभी को अपनी जिंदगी में एक ना एक बार जरूर पढ़नी चाहिए.
जरूर पढ़नी चाहिए ये किताबें | Must Read Books
राग दरबारी - श्रीलाल शुक्ल को साल 1969 में राग दरबारी (Raag Darbari) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. एक गांव की राजनीति किस तरह पूरे देश और समाज के लिए दर्पण का काम करती है यह इस कहानी में देखने को मिलता है. यह एक व्यंग्य है जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना इसके लिखे जाने के दौर में था.
द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स - अरुंद्धति रॉय को साल 1997 में द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स के लिए बुकर प्राइज मिला था. केरल पर आधारित इस किताब में एक परिवार की कहानी है, रिश्ते के बनने बिगड़ने की दास्तान है और प्यार की अलग-अलग कसौटियों का जिक्र है. इसे पढ़ने पर मन कचोट उठता है लेकिन इसे बार-बार पढ़ने का मन भी करता है.
टू किल ए मॉकिनबर्ड - इस किताब को ना सिर्फ शौकिया तौर पर पढ़ा जाता है बल्कि इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा भी बनाया जाता रहा है. यह किताब सामाजिक भेदभाव, रंगभेद, जेंडर रोल्स और प्रेज्यूडिस पर बात करती है. इसकी लोकप्रियता देखकर इसपर फिल्म भी बन चुकी है जिसे अकाडमी पुरस्कार मिल चुका है.
द काइट रनर - अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के अधीन किस तरह जिंदगियां बदलती हैं और कैसे इसका प्रभाव दो दोस्तों हसन और आमिर के जीवन पर पड़ता है इसकी कहानी है द काइट रनर. खालेद होसेनी की लिखी यह किताब न्यू यॉर्क टाइम बेस्ट सेलर रह चुकी है.
गोदान - हिंदी के बहुचर्तित लेखक प्रेमचंद का लिखा उपन्यास गोदान (Godan) हिंदी लेखन की सर्वोत्तम कृति में गिना जाता है. गोदान को प्रेमचंद का वो उपन्यास कहा जाता है जिसमें उनकी कला का उत्कृष्ट नमूना देखने को मिलता है. यह ग्रामीण कहानी नायक होरी के जीवन पर आधारित है.