दूध में किचन का ये वाला मसाला मिलाकर पिएं, दूर होगी कब्ज की समस्या
दूर होगी कब्ज की समस्या
रेस्टोरेंट या होटल में अक्सर खाना खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के रूप में सौंफ सर्व किया जाता है। इसे खाने के बाद मुंह से आने वाली बदबू से छुटकारा मिलता है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि ये सौंफ आपके डाइजेशन को भी तेज करती है? जी हां आपने बिल्कुल सही पढ़ा, सौंफ खाने से डाइजेशन बढ़िया होता है। वहीं कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि सौंफ को दूध में मिलाकर पिया जाए तो इससे पेट की कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। जो लोग कब्ज की समस्या से परेशान वो अगर सौंफ वाले दूध का सेवन कर लें तो उन्हें तुरंत आराम मिल सकता है। पीएसआरआई हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ.मनोज गुप्ता से जानते हैं सौंफ वाला दूध पीने से कब्ज की समस्या दूर करने में कितना फायदा मिलता है।
कब्ज दूर करने में कितना फायदेमंद है सौंफ वाला दूध
अक्सर फाइबर की कमी के कारण कब्ज की समस्या होती है। वहीं सौंफ फाइबर का समृद्ध स्रोत है। ऐसे में आप सौंफ वाला दूध पी सकते हैं, ये आपके मल को आंतों से बाहर करने में मदद करते हैं। वहीं सौंफ वाले दूध में लैक्सेटिव गुण भी मौजूद होते हैं। ये मल को नरम करने का काम करता है। नियमित रूप से इसका सेवन किया जाए तो कब्ज की समस्या धीरे-धीरे दूर हो सकती है। एक्सपर्ट के मुताबिक सौंफ में मौजूद एनेथोल और फेनकोन सहित और भी कई एंजाइम,गैस्ट्रिक जूस बनाने में मददगार होते हैं, इससे पाचन क्रिया बेहतर होती है। सौंफ में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी मौजूद है जो आंत में किसी भी तरह के जलन को शांत करने में मदद करते हैं। इससे पाचन में सुधार होता है। सौंफ में मैग्नीशियम की सही मात्रा होती है, ऐसा माना जाता है कि मैग्नीशियम का सेवन करने से भी कब्ज से छुटकारा मिल सकता है। सौंफ का दूध इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम दूर करने के टिप्स) को दूर करने में भी राहत प्रदान कर सकता है।
कैसे बनाएं सौंफ वाला दूध?
सौंफ वाला दूध बनाने के लिए एक गिलास दूध को गर्म करें।
इसमें सिर्फ आधा चम्मच सौंफ का पाउडर मिला दें।
जब दूध गर्म हो जाए तो इसे गैस से उतार लें।
इसके बाद दूध (दूध पीने का सही तरीका)को छानकर हल्का गुनगुना कर पिएं।
कब्ज की समस्या दूर करने के लिए आप रात को खाना खाने के बाद दूध का सेवन करें।
एक्सपर्ट के मुताबिक सौंफ कब्ज दूर करने के लिए तो फायदेमंद है लेकिन इसमें कुछ ऐसे कंपाउंड पाए जाते हैं, इस वजह से किडनी,हार्ट के मरीज, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए या फिर डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।
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