Lifestyle: क्या चेहरे पर साबुन लगाना चाहिए? जानें किस तरह का Soap स्किन के लिए है बेस्ट
Lifestyle: हम सभी हर दिन नहाते हैं. इससे शरीर की गंदगी साफ होती है. हालांकि, सिर्फ पानी से स्नान करने से कुछ नहीं होता. बॉडी से मैल, गंदगी, कीटाणुओं का सफाया करने के लिए साबुन का भी इस्तेमाल करना जरूरी है. लोग अपनी पसंद के अनुसार तरह-तरह की खुशबू, रंग, ब्रांड के साबुन इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, मार्केट में हार्श और केमिकल युक्त साबुन अधिक मिलते हैं जो त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं. कई तरह के मेडिकेटेड, हर्बल, माइल्ड साबुन भी होते हैं, लेकिन खुशबू, कंपनी के चक्कर में लोग केमिकल युक्त साबुन अधिक लगाना पसंद करते हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं.
कैसा साबुन लगाना है स्किन के लिए सही- नई दिल्ली स्थित जिविषा क्लीनिक की Cosmetic Dermatologistएवं त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. आकृति गुप्ता कहती हैं कि आपको ये जान लेना जरूरी है कि आप जो साबुन हर दिन इस्तेमाल करते हैं, वे आपकी त्वचा के लिए सही है या नहीं? दरअसल, सामान्य तौर पर साबुन लवणीय (saline) होता है, जो कि वेजिटेबल ऑयल के साथ-साथ सोडियम हाइड्रोक्साइड या पोटैशियम हाइड्रोक्साइड से मिलकर बना होता है. ये लवणीय या क्षारीय होते हैं, जिनमें पी.एच. वैल्यू (हमारे शरीर में उपस्थित लवण एवं क्षार की मात्रा को बताने का एक पैमाना है) की मात्रा लगभग 9-10 के आसपास होती है. वहीं, हमारी त्वचा की पी.एच. वैल्यू की मात्रा 5.6 से 5.8 के आसपास होती है. साबुन का लगातार इस्तेमाल करने से हमारी त्वचा की पी.एच. वैल्यू की मात्रा बढ़ जाती है, जो स्किन के लिए खतरनाक हो सकता है.
डॉ. आकृति का कहना है कि त्वचा में उपस्थित पी. एच. वैल्यू की मात्रा और हमारे नहाने के साबुन में उपस्थित पी. एच. वैल्यू की मात्रा में समानता होनी चाहिए. आमतौर पर औषधीय रूप में प्रयोग किए जाने वाले साबुन से हमारी त्वचा की पी.एच. वैल्यू बदल जाती है या फिर ये एल्कलाइन (alkaline) हो जाती है, जो कि त्वचा के लिए ठीक नहीं है. यही वजह है कि डॉक्टर ज्यादातर ‘सोप फ्री क्लिंजर’ लगाने के लिए कहते हैं. यह त्वचा को बिना कोई नुकसान पहुंचाए उसकी सफाई करता है. यदि आपकी स्किन ड्राई है तो आप तो सोप फ्री क्लिंजर का इस्तेमाल करें. जिनकी स्किन ऑयली है, उन्हें औषधीय रूप में प्रयोग किए जाने वाले साबुन लगाना चाहिए, जिसमें सेलि-साइटिक एसिड हो. जिनकी त्वचा सामान्य होती है, वे कोई भी साबुन इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन 40 साल की उम्र के बाद उन्हें इसका इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए, क्योंकि त्वचा पर उम्र का असर दिखने लगता है.
कैसे-कैसे साबुन- -लोग साबुन खरीदते समय अपनी स्किन टाइप का ख्याल नहीं रखते हैं. आजकल अधिकतर साबुनों में खुशबू, डिटर्जेंट और कुछ अन्य प्रकार के केमिकल मिले होते हैं, जो हमारी त्वचा को तो साफ कर देते हैं, लेकिन ये नमी को भी कम कर देते हैं.
-कुछ साबुन और लोशन में ग्लिसरीन का भी इस्तेमाल होता है. ऐसे साबुन खासकर रूखे मौसम के लिए सही होते हैं. यह आपकी त्वचा की नमी को बरकरार रखने के साथ-साथ उसे मुलायम भी बनाता है.
– हल्के साबुन महंगे होते हैं, क्योंकि इनमें मिश्रित मिल्क, क्रीम, ग्लिसरीन आदि तत्व होते हैं. इस प्रकार का साबुन लगाने से त्वचा की नमी पर कोई असर नहीं पड़ता है.
इन बातों का भी रखें ध्यान
-अपनी स्किन टाइप को ध्यान रखकर ही साबुन खरीदें. इसके लिए एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.
– चेहरे पर फेश वॉश का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि यह चेहरे पर निकले हुए दानों को रोकने में सहायता करता है. साथ ही रोम छिद्रों को भी पूरी तरह से खोलता है.
– बार-बार साबुन लगाने या फिर दूसरे का साबुन इस्तेमाल करने से बचें.
-ग्लिसरीन और मिल्क युक्त साबुन का इस्तेमाल करें. कोशिश करें सभी सदस्यों का साबुन अलग हो. खासकर, किसी को स्किन डिजीज हो तो उसका साबुन जरूर अलग हो.
-साबुन इस्तेमाल करने के बाद उसे धोकर रखें. इससे दोबारा इस्तेमाल करने पर उसमें किसी प्रकार की गंदगी न जमी हो.
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