पेट को नुकसान पहुंचा सकती है दाल
दही, किमची, कोम्बुचा, मिसो और मसालेदार खीरे सहित प्रोबायोटिक वाले खाने पेट के लिए बहुत अच्छा माना जाता है
,घर में बड़े- बुजुर्ग के मुंह से एक चीज जो आपने अक्सर सुनी होगी. वह यह कि कुछ खाओ न खाओ दाल और सब्जी जरूर खाना चाहिए. खासकर दाल को लेकर लैक्चर तो आपने घर में हर किसी के मुंह से सुना होगा कि दाल में ये प्रोटीन होता है. दाल खाने से बाल अच्छे होते हैं. दाल खाने से स्किन ग्लो करता है. ऐसी कई तरह की बातें. वहीं दूसरी तरफ न्यूट्रिशनिस्ट स्पेशलिस्ट और लाइफस्टाइल कोच अनुपमा मेनन कहती हैं कि दाल खाना अच्छा तो हैं लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनके लिए यह नुकसानदायक भी हो सकता है. यह बात सुनकर किसी का भी दिमाग एक पल के लिए घूम सकता है. आखिर दाल में ऐसा क्या है जो हमारे हेल्थ के लिए ठीक नहीं हैं?
दाल को लेकर क्या कहती हैं अनुपमा मेनन
न्यूट्रिशनिस्ट स्पेशलिस्ट और लाइफस्टाइल कोच अनुपमा मेनन के मुताबिक सही मात्रा में न्यूट्रिशियन लेने से हमारी डायेजेस्टिव सिस्टम पर काफी असर करता है. जैसे- फाइबर से भरपूर खाना, मोटा अनाज, साबुत अनाज, फल और सब्जियां यह हमारे पाचन क्रिया में काफी हद तक प्रभावित करता है. अनुपमा आगे कहती हैं कि ऐसे में हमे खाने वक्त पूरा ध्यान देना होगा कि हमारे लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा है?
खाने की यह चीजें तुरंत पेट में पच जाती हैं
फेगमेंटेड फूड
दही, किमची, कोम्बुचा, मिसो और मसालेदार खीरे सहित प्रोबायोटिक वाले खाने पेट के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. वे आंत में फायदेमंद बैक्टीरिया के संतुलन का समर्थन करते हैं और बीमार करने वाली बैक्टिरीया से सुरक्षित रखती है. पाचन में सुधार करते हैं, और सूजन और गैस को कम करते हैं.
साबुत अनाज
साबुत अनाज, जिसमें साबुत गेहूं, जई, जौ, एक प्रकार का अनाज, ब्राउन राइस, क्विनोआ और पॉपकॉर्न शामिल हैं, पोषक तत्वों और फाइबर से भरपूर होते हैं. पोषक तत्वों और फाइबर से भरे हुए, वे मल को बढ़ाते हैं और कब्ज को रोकते हैं.
फल
आपके पाचन तंत्र के लिए सबसे अच्छे फल सेब, नाशपाती, केला, रसभरी और पपीता हैं, क्योंकि इनमें फाइबर के साथ-साथ पोषक तत्वों से भरपूर पानी भी होता है. वे स्वस्थ आंत्र आदतों को बढ़ावा देते हैं और पेट की परेशानी को कम करते हैं.
चाय
भोजन के बाद कैमोमाइल, सिंहपर्णी, पुदीना, अदरक, और सौंफ जैसी गर्म चाय पीने से पाचन में सहायता मिल सकती है और पेट फूलना, गैस, मतली, पेट में ऐंठन और नाराज़गी सहित पाचन संबंधी समस्याएं कम हो सकती हैं और पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है.