पान चबाना आपको एक अज़ीब-सी आदत लगे और आप इस हरे-भरे पत्ते से अपना मुंह मोड़े, इससे पहले यह जान लें कि इसके कितने सारे आश्चर्यजनक स्वास्थ्य और सौंदर्य संबंधित लाभ हैं. इस आर्टिकल में इसके सौंदर्य से जुड़े कुछ फ़ायदों के बारे में बताया गया है, जो आपके मन इन नरम पत्तों के लिए प्यार जागाने का काम कर सकते हैं.
बालों का झड़ना रोकता है
आयुर्वेद बालों से संबंधित समस्याओं के लिए पान के पत्तों को उपयोग करने की सलाह देता है. हम आपको एक लोशन का नुस्ख़ा बता रहे हैं, जिसे आसानी से घर पर ही बनाकर आप अपने स्कैल्प पर लगा सकत हैं. पान के पत्तों को तिल या नारियल के तेल के साथ पीसकर लेप तैयार करें और उसे स्कैल्प के हर हिस्से पर लगाएं. एक घंटे बाद शैंपू कर लें.
ओरल हाइज़ीन के लिए बढ़िया विकल्प
सांसों की दुर्गंध से परेशान रहते हैं? इससे निजात पाने के लिए भोजन के बाद एक पान के पत्ते को चबाना अपनी आदत बना लें. पान आपकी सांसों को ताज़ा करता है और कीटाणुओं के सफ़ाया का काम करता है. दांतों की सड़न को रोकने और मसूढ़ों को मज़बूत बनाने के लिए भी प्राचीन काल से पान के पत्तों का उपयोग किया जाता था. पान के कुछ पत्तों को पानी में डालकर उबालें और इसे ठंडा करके कुल्ला करें.
मुंहासों से छुटकारा दिलाए
पान के पत्तों में मौजूद ऐंटी-इंफ़्लेमेटरी और ऐंटी-बैक्टीरियल गुण, मुंहासों के लक्षण के इलाज के लिए बहुत कारगर साबित होते हैं. पान के कुछ पत्तों को पानी में डालकर उबालें और ठंडा होने के बाद इससे अपना चेहरा धो लें या पान के पत्ते और हल्दी का पेस्ट तैयार करें और अपने चेहरे पर लगाएं. सूखने के बाद धो लें. दिन में दो बार इस पेस्ट को लगाएं, ख़ासतौर से जब आप दिनभर बाहर रहने के बाद घर वापस आ जाते हैं.
खुजली से राहत
अगर आप रैशेज़ और एलर्जी से परेशान हैं तो पान के पत्तों का ठंडक पहुंचानेवाला गुण आपको बहुत राहत देगा. 10 पत्तों को पानी में डालकर उबालें, जैसे ही पत्ते हल्का मुरझा जाएं फ़्लेम बंद कर दें. इस पानी को आपके नहाने के पानी में मिलाएं या खुजली वाले हिस्सों पर इसे लगाएं. चमत्कारी पत्ते में पाए जानेवाले ऐंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण खुजली और सूजन को कम करने में कारगर साबित होगें.
शरीर से आनेवाली गंध को कम करता है
नहाने के पानी में पान के पत्तों का रस या उसके तेल की कुछ बूंदें मिलाने से आप तरोताज़ा महसूस करेंगे और यह आपके शरीर से गंध पैदा करने वाले कीटाणुओं को मार देंगे. नियमित रूप से उबले हुए पानी में कुछ पान के पत्तों को भिगोकर पीने से शरीर डिटॉक्सिफ़ाय करता है और शरीर की सभी प्रकार की अप्रिय गंध समाप्त हो जाती है.