जानिए क्यों मनाया जाता है 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस

युवाओं को देश का भविष्य माना जाता है. जिस देश के युवा कमजोर स्थिति में हों, उस देश का भविष्य भी खतरे में आ जाता है.

Update: 2022-07-14 11:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  युवाओं को देश का भविष्य माना जाता है. जिस देश के युवा कमजोर स्थिति में हों, उस देश का भविष्य भी खतरे में आ जाता है. भारत समेत ऐसे तमाम देश हैं, जहां आज भी युवाओं के पास शिक्षा और रोजगार जैसी ​बुनियादी चीजें नहीं हैं और तमाम युवा बेरोजगार हैं. इसके अलावा तमाम युवा ऐसे भी हैं जो रोजगार के सीमित अवसरों को देखते हुए अपने हुनर के हिसाब से नौकरी (Job) प्राप्त नहीं कर पाते और कम सैलरी में भी काम करने को मजबूर होते हैं. इन स्थितियों के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) मनाया जाता है. जानिए कैसे और कब हुई इस दिन की शुरुआत.

जानें इस दिन का इतिहास
युवाओं के बीच बेरोजगारी की चुनौतियों को कम करने और उन्हें कौशल विकास के प्रति जागरुक करने के लिए विश्व युवा कौशल दिवस की शुरुआत की गई. श्रीलंका की पहल पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 नवंबर 2014 को हर साल विश्व युवा कौशल दिवस मनाने की घोषणा की थी. पहली बार 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस मनाया गया. तब से हर साल इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है. इस दिन युवाओं के कौशल विकास में निवेश करने के लिए जागरुक किया जाता है. इसको लेकर जगह जगह कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है.
भारत में इसी दिन शुरू हुई थी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
15 जुलाई 2015 को पहले विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर भारत में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत की गई थी. इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. इस योजना के तहत सरकार की तरफ से देश के युवाओं को अलग-अलग क्षेत्रों में नि:शुल्क में औद्योगिक प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वो रोजगार प्राप्त कर सकें. 14 से 35 साल के युवा इस मिशन के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं. प्रशिक्षण के लिए तीन महीने, छह महीने और एक साल के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है. कोर्स पूरा करने के बाद सरकार की ओर से एक सर्टिफिकेट दिया जाता है. ये सर्टिफिकेट देशभर में मान्य है. इस सर्टिफिकेट के बाद युवा देशभर में स्किल्स के आधार पर कहीं भी रोजगार आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कोरोना काल से पहले करीब 3231 युवाओं को इस मिशन के जरिए ट्रेनिंग दिलाई गई और 2778 को रोजगार दिया गया. फिलहाल कोरोना के चलते ये मिशन बंद पड़ा है.
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