जानें यूपी में क्यों भेजा जाता है सास के लिए स्पेशल बक्सा, जानें महत्व

सास के लिए स्पेशल बक्सा, जानें महत्व

Update: 2023-10-03 12:18 GMT
सनातन धर्म में विवाह में कई रीति-रिवाज और रस्में होती हैं। जिसके बारे में विस्तार से बताया गया है। यह रस्में अपने आप में कई चीजों को समेटे हुए हैं। विवाह के दौरान किए जाने वाली सभी रीति-रिवाज को जीवंत बनाए रखने की एक परंपरा है।
इस समय होनी वाली सभी विधियों को बड़ी बारीकी से निभाया जाता है, ताकि वर और वधु के नए जीवन की शुरूआत मंगलमय हो और उनके वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे। बता दें, विवाह से संबंधित यह सभी परंपरा प्राचीन काल से ही चले आ रही है। जिनका विशेष महत्व है।
बात करें, उत्तर भारत में एक रस्म की, तो विवाह में दुल्हन अपनी सास के लिए एक खास बक्सा लेकर जाती है। जिसमें केवल सास के लिए ही सामान होता है। आखिर सास के लिए ही क्यों अलग से बक्सा जाता है।
इसके पीछे भी कई तरह के विधान के बारे में बताया गया है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं कि आखिर नई नवेली बहु अपनी सास के लिए अलग से बक्सा लेकर क्यों जाती है।
विवाह में सास को खास बक्सा देने का महत्व
किसी भी विवाह में मां और सास की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इनके बिना विवाह के किसी भी रस्म को पूर्ण नहीं माना जाता है। विवाह में एक तरफ विदा करने वाली मां दूसरी तरफ सास बनकर अपनी बहु का स्वागत करती है।
सास और बहु के बीच का संबंध बहुत अनोखा होता है। यह कभी खट्टी, तो कभी मिट्ठी अनुभव को दर्शाने का प्रयास करती है। बता दें, विवाह की विधि और रस्मों के खत्म हो जाने के बाद विदा हुई बेटी के घर से सास के लिए अलग से बक्सा जाता है। जिसे बहु अपने हाथों से देती है और बहु अपनी सास का पांव छूकर आशीर्वाद लेती है और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती है।
सास और बहु के संबंध को बनाता है मजबूत
बहु जब अपने घर से विदा होती है, तो अपनी सास के लिए एक खास बक्सा लेकर जाती है। उस बक्से में सास के लिए खास चीजें होती हैं। जिसमें सास के लिए वस्त्र, श्रृंगार और खाने का सामान आदि शामिल रहता है। इसे देकर बहु अपनी सास से सुखी दांपत्य जीवन (सुखी दांपत्य जीवन उपाय) के लिए आशीर्वाद प्राप्त करती है।
बहु को पुण्य फल की होती है प्राप्ति
बहु द्वारा दिया गया अपने सास को बक्सा केवल एक उपहार ही नहीं होता है। यह दो रिश्तों के आपसी प्रेम को भी दर्शाता है। सुहागिन बहु जब पहली बार अपने ससुराल आती है, तो सुख-समृद्धि लेकर आती है, ताकि घर में कभी किसी प्रकार की कोई परेशानी न आए। उसे घर की लक्ष्मी (मां लक्ष्मी मंत्र) और अन्नपूर्णा कहा जाता है। इतना ही नहीं बहु को सास से पुण्य फल की भी प्राप्ति होती है।
Tags:    

Similar News

-->