जाने किडनी स्टोन होने पर क्या खाएं
नमक और मांस के सेवन में भी कंट्रोल करें। इसके लिए ऐसी डाइट लें जो फलों,
किडनी स्टोन्स यानी पथरी हो जाने पर दर्द और उलझन का स्तर बढ़ जाता है। वे तब बनते हैं जब पेशाब में कैल्शियम, ऑक्सालेट और यूरिक एसिड जैसे कुछ पदार्थ गाढ़े हो जाते हैं और उसके क्रिस्टल बन जाते हैं। ये क्रिस्टल्स एक साथ मिलकर पत्थर बन जाते हैं। किडनी के स्टोन्स का आकार, बड़े से लेकर छोटा, कैसा भी हो सकता है।
किडनी में स्टोन्स हो जाने पर पीठ, कमर के साइड में, निचने पेट में दर्द के साथ मतली और उल्टी जैसे लक्षण भी परेशान करने लगते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसमें जेनेटिक्स, डाइट और पानी कम पीना शामिल है।
किडनी स्टोन्स होने पर डाइट की मात्रा पर ध्यान दें
किडनी स्टोन्स से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है एक हेल्दी डाइट का पालन करना। अगर आपकी किडनी में स्टोन्स हो चुके हैं, तो आपको एक खास डाइट का पालन करने की ज़रूरत है, ताकि और स्टोन्स न बनें। सबसे ज़रूरी है कि जो भी खाएं उसकी अति न करें और संतुलित डाइट लें।
किडनी स्टोन्स होने पर क्यां खाएं?
शरीर को हाइड्रेटेड रखना बेहद ज़रूरी है, इसलिए पानी के साथ दूसरे फ्लूएड्स भी लें। हर दिन 2 से 3 लीटर पानी ज़रूर पिएं। अगर आप गर्म जगह पर रहते हैं और ज़्यादा एक्टिव हैं, तो और ज़्यादा पानी पिएं।
साथ ही कैल्शियम की अच्छी मात्रा लें। इसके लिए डेयरी प्रोडक्ट्स, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां। कैल्शियम कम लेंगे, तो इससे पेशाब में ऑक्सालेट की मात्रा ज़्यादा हो जाएगी।
नमक और मांस के सेवन में भी कंट्रोल करें। इसके लिए ऐसी डाइट लें जो फलों, सब्ज़ियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरी हो।
ज़रूरत से ज़्यादा हरी पत्तेदार सब्ज़ियां न खा लें
किडनी में पथरी हो जाने पर हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन सही मात्रा में करना चाहिए, जो ऑक्सालेट से भरी हों। पालक और प्याज़ जैसी सब्जियां बहुत ज़्यादा न खाएं, क्योंकि इससे और ज़्यादा स्टोन्स बन सकते हैं।
क्या नहीं खाना चाहिए?
मांसाहारी खाने के साथ मीठे और कैफीन का सेवन कम कर दें। मांसाहारी खाने की चीज़ें, जैसे कि रेड मीट, पेशाब में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ाता है, जिससे किडनी स्टोन्स बन सकते हैं। मीठा और कैफीन पेशाब में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाते हैं, जिससे किडनी में कैल्शियम स्टोन्स बनने लगते हैं।
शराब का सेवन भी कंट्रोल में होना चाहिए, क्योंकि यह शरीर में पानी के स्तर को कम करती है, जिससे किडनी स्टोन्स बनते हैं।