जानिए रविवार को किस समय करें श्री सूर्योष्टकम का पाठ
हर दिन किसी ना किसी देवता की पूजा की जाती है. ऐसे में रविवार का दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर दिन किसी ना किसी देवता की पूजा की जाती है. ऐसे में रविवार का दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित है. ऐसे में इस दिन भगवान सूर्य की विशेष पूजा की जाती है. बता दें कि रविवार को श्री सूर्योष्टकम् (Suryashtakam) का पाठ करना बहुत शुभ और लाभकारी माना जाता है. मान्यता है कि रविवार के दिन श्री सूर्योष्टकम् का पाठ करने से सूर्य देव तुरंत प्रसन्न होते हैं. कहते हैं कि यदि कम से कम 7 रविवार श्री सूर्याष्टकम् का पाठ किया जाए तो किसी भी काम में रुकावट नहीं आती है किसी भी संकट से दूर रहता है. ऐसे में श्री सूर्योष्टकम् के शब्दों के बारे में पता होना चाहिए, आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप रविवार के दिन किस वक्त श्री सूर्योष्टकम् का पाठ करें
श्री सूर्योष्टकम् का पाठ
अभिजित मुहूर्त का समय होगा 11.55 से 12.50 बजे तक होगा. इस वक्ति श्री सूर्योष्टकम् का पाठ किया जा सकता है
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥1॥
सप्ताश्व रथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम्।
श्वेत पद्माधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥2॥
लोहितं रथमारूढं सर्वलोक पितामहम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥3॥
त्रैगुण्यश्च महाशूरं ब्रह्माविष्णु महेश्वरम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥4॥
बृहितं तेजः पुञ्ज च वायु आकाशमेव च।
प्रभुत्वं सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥5॥
बन्धूकपुष्पसङ्काशं हारकुण्डलभूषितम्।
एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥6॥
तं सूर्यं लोककर्तारं महा तेजः प्रदीपनम् ।
महापाप हरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥7॥
तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानप्रकाशमोक्षदम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥8॥
सूर्याष्टकं पठेन्नित्यं ग्रहपीडा प्रणाशनम्।
अपुत्रो लभते पुत्रं दारिद्रो धनवान् भवेत्॥9॥
अमिषं मधुपानं च यः करोति रवेर्दिने।
सप्तजन्मभवेत् रोगि जन्मजन्म दरिद्रता॥10॥
स्त्री-तैल-मधु-मांसानि ये त्यजन्ति रवेर्दिने।
न व्याधि शोक दारिद्र्यं सूर्य लोकं च गच्छति॥11॥