जानें सस्टेनेबल फैशन क्या है और यह क्यों है जरूरी
जानें सस्टेनेबल फैशन क्या
हमारे जीवन में कपड़ों की इतनी अहमियत बढ़ गई है कि अब लोगों के ड्रेसिंग सेंस को देखकर ही उसे जज किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति बार-बार अपने कपड़ों को रिपीट करता है तो उसके लिए कहा जाता है कि इसके पास तो कपड़े ही नहीं है। वहीं, कोई रोज नए कपड़े पहनकर ऑफिस जाए तो उसकी जमकर तारीफ की जाती है।
आप मार्केट से 100 रुपये में एक शर्ट लाकर उसे केवल चार बार पहन कर फेंक देते हैं? क्या आपने कभी सोचा है कि इसका असर पर्यावरण पर क्या असर पड़ता है? यह कपड़ा कहां जाता है और इसे बनाने में कितनी लागत लगती है?आपकी इस आदत ने पैसों के मायनों में फैशन इंडस्ट्री को बेहद फायदा पहुंचाया है, लेकिन बता दें कि इसका बेहद गहरा असर प्रकृति पर नकारात्मक रूप से पड़ता है। इसीलिए कहा जाता है कि अच्छे और ब्रांडेड कपड़े पहनने चाहिए, क्योंकि यह लंबे समय तक चलते हैं। यह पर्यावरण के लिए कम नुकसानदायक होते हैं। क्या आपने सस्टेनेबल फैशन के बारे में सुना है? आजकल इस शब्द का इस्तेमाल काफी किया जाने लगा है। आज इस आर्टिकल में हम आपको सस्टेनेबल फैशन के बारे में कुछ जरूरी जानकारी देंगी।
क्या होता है सस्टेनेबल फैशन?
बाजार में आपको 100 रुएये की एक ड्रेस मिल जाती है। क्या आपने कभी सोचा है कि एक कपड़े को बनाने में रंग से लेकर धागे तक काम में आते हैं। इन सभी चीजों के बावजूद भी वह ड्रेस केवल सौ रुपये में कैसे बाजार में मिल रही है? ये कपड़े आपको नया लुक तो दे सकते हैं, लेकिन जब आप इन्हें 3-4 बार पहनने का बाद फेंक देती हैं तो न यह जमीन में कंपोस्ट हो पाते हैं। यह केवल लैंडफिल्स में जाकर कचरे का रूप लेते हैं। इसके कारण केवल पॉल्यूशन ही होता है। इस स्थिती में सस्टेनेबल फैशन पर बात और काम, दोनों करना बेहद जरूरी है।
सस्टेनेबल फैशन से मतलब उन ब्रांड है जो नेचुरल फाइबर की मदद से कपड़े बनाते हैं। साथ ही, जिनका एनवायरनमेंट पर नकारात्मक प्रभाव कम पड़ता है। साथ ही, कार्बन-न्यूट्रल फैशन इंडस्ट्री बनाना है। सस्टेनेबल फैशन में कपड़ों की क्वालिटी पर ध्यान दिया जाता है, ना कि उनकी क्वांटिटी पर। जब कपड़ों की क्वालिटी बेहतर हो जाएगी, तब आप इनका इस्तेमाल लंबे समय तक कर पाएंगी।
सस्टेनेबल फैशन क्यों जरूरी है?
फैशन इंडस्ट्री धीरे-धीरे प्रकृति के लिए बेहद हानिकारक होती जा रही है। साल 2019 में यूनाइटेड नेशन्स द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि फैशन इंडस्ट्री जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है। फैशन इंडस्ट्री ग्लोबल इंडस्ट्रियल वॉटर पॉल्यूशन में 20% योगदान देती है। यही नहीं,फैशन इंडस्ट्री में 75% प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है। यह उद्योग हर साल 1.5 ट्रिलियन कचरे का उत्पादन करती है। इसके अलावा कपड़े को बनाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड और ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है। दुनिया में 23% केमिकल का उपयोग केवल फैशन इंडस्ट्री में होता है। यही कारण है कि सस्टेनेबल फैशन बेहद जरूरी है।
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अगर सस्टेनेबल फैशन के जरिए चीजें लंबे समय तक चलेंगी, जिससे कचरे का उत्पादन का कम हो सकता है।
फास्ट फैशन कंपनिया जो कम दाम में कपड़े बनाती हैं, वह साल में कई बार नए कलेक्शन लॉन्च करती हैं। ऐसे में जब कई बार-बार कलेक्शन लॉन्च किए जाएंगे तो इसमें कामगारों पर दबाव बढ़ेगा। आपको बता दें कि इनमें काम करने वाले वर्कर्स को ज्यादा भुगतान नहीं किया जाता है। ऐसे में जब सस्टेनेबल फैशन कंपनी काम करेंगी तो वह अपने लेबर्स के लिए अच्छा एनवायरमेंट और पैसे देंगी।
सस्टेनेबल कपड़े बनाने के लिए नेचुरल और रिसाइकल फाइबर से बायोडिग्रेडेबल कंपोनेंट का इस्तेमाल किया जाता है। इनके लिए किसी प्रकार के पेस्टिसाइड और फर्टिलाइदप का उपयोग नहीं होता है। इन्हें कम पानी, एनर्जी, केमिकल का कम इस्तेमाल होता है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन भी कम होता है।
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फैशन इंडस्ट्री में अपसाइकलिंग क्यों है जरूरी?
what is upcycling
फैशन इंडस्ट्री में साइकिलिंग बेहद जरूरी है। अन्यथा बड़े पैमाने पर नए कपड़ों का उत्पादन किया जाएगा। आपसाइकलिंग का मतलब है कि पुराने या खराब मटेरियल से कोई नई चीज बनाना, बगैर उसकी क्वालिटी के कॉम्प्रोमाइज करना।
केवल टेक्सटाइल और प्रोडक्ट पर काम करके सस्टेनेबल फैशन पूरा नहीं होगा। इसके लिए हमें प्रोडक्ट की लाइफ साइकिल को देखना होगा, जिसमें कपड़ों का प्रोडक्शन, कंज्यूमर और लैंडफिल मैं इसका डिस्पोज भी शामिल है।
वक्त आ गया है कि अब कपड़ों के बजाय प्रकृति पर ध्यान दिया जाए। अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो आने वाली पीढ़ी भूल जाएगी कि प्रकृति का रंग हरा होता है।
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