कार्ब टारगेट
किसी भी व्यक्ति को केटोसिस के दौरान, हर दिन 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना होता है. एक महिला को हर दिन अपने खाने में लगभग 40-50 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना होता है. वही दूसरी ओर एक पुरुष को हर दिन अपने खाने में लगभग 50-60 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए. केटोसिस में इतना सेवन तो आम तौर पर किया जाता है, लेकिन अलग-अलग कीटो डाइट में अलग-अलग मात्रा में प्रोटीन, फैट और कार्ब्स की अनुमति होती है.
किस तरह काम करती है कीटो डाइट
जब भी आप खाना खाते है तो उसमे कार्बोहाइड्रेट्स होता ही है. जब इंसान कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन करता है और शरीर इन्हें चीनी में बदल देता है जो ऊर्जा के लिए मदद करता है. केटोसिस में कार्ब्स के सेवन को कम करने से, वह शरीर ऊर्जा के लिए कार्ब्स के जगह फैट का इस्तेमाल करने लगता है. इससे ग्लूकोज लेवल गिर जाता है. जैसे ही शरीर में ग्लूकोज का लेवल गिरता है, यह शरीर को कैटोन्स का उत्पादन करने के लिए मजबूर कर देता है, फिर खून और टॉयलेट में जो एसिड दिखाई देने लगता है ये फैट बर्न की ओर इशारा करता है. इसे ही केटोसिस कहा जाता है.
कीटो डाइट के प्रकार
1- स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट
जब इंसान स्टैण्डर्ड कीटोजेनिक डाइट पर होता है, तब उसे 70% सेवन फैट का करना होता है. 20% प्रोटीन का और 10% कार्ब्स का.
2- टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट
जब इंसान टार्गेटेड की टोजेनिक डाइट पर होता है, तब वह बहुत वर्कआउट करने के बाद ज़्यादा मात्रा में कार्ब्स का सेवन कर सकता हैं.
3- हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट
जब इंसान हाई कीटोजेनिक डाइट पर होता है, तब उन्हें 60% फैट का सेवन, 35% प्रोटीन का और 5% कार्ब्स का सेवन करना होता है.
4- स्लाकिकल कीटोजेनिक डाइट
जब इंसान स्लाकिकल कीटोजेनिक डाइट पर होता है, तब उन्हें हफ्ते में 5 दिन लो कार्ब खाने का और 2 दिन हाई कार्ब खाने की सलाह दी जाती है.
कीटो डाइट से होने वाले लाभ
वेट लॉस- कीटो डाइट के कारण इंसान को भूख कम लगती है और कीटो का आहार वजन कम करने में मदद करता है.
डायबिटीज कंट्रोल- कीटो का आहार ग्लूकोस लेवल को कम करता है, जिसके कारण यह डायबिटीज टाइप 2 को कंट्रोल करने में मदद करता है.