जानिए क्या हैं खेलने के स्वास्थ्य लाभ

आज पूरे देश में ‘नेशनल स्पोर्ट्स डे’ मनाया जा रहा है.

Update: 2022-08-29 06:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।    आज पूरे देश में 'नेशनल स्पोर्ट्स डे' मनाया जा रहा है. 'राष्ट्रीय खेल दिवस' हॉकी के महान और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जन्मतिथि (29 अगस्त) के उपलक्ष में, उन्हें याद करते हुए सेलिब्रेट किया जाता है. ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त, 1905 में हुआ था. वर्ष 2012 में भारत में 'नेशनल स्पोर्ट्स डे' मनाने की शुरुआत हुई थी. इस खास अवसर पर देश के बेस्ट खिलाड़ियों को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार आदि स्पोर्ट्स अवॉर्ड देकर राष्ट्रपति सम्मानित करते हैं. यह दिन दैनिक जीवन में खेलों के महत्व को भी बढ़ावा देता है. खेल ना सिर्फ देश-दुनिया में नाम, शोहरत दिलाता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में भी मदद करता है. खेलने से शरीर को कई सेहत लाभ होते हैं. इससे आपकी पूरी बॉडी एक्टिव रहती है. शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर तरीके से होता है. जानते हैं, प्रतिदिन एक घंटा कोई भी खेल खेलने से सेहत को क्या-क्या फायदे होते हैं.


खेलने से होने वाले सेहत लाभ क्या हैं?
खेलने से स्ट्रेस होता है दूर
वेबएमडी डॉट कॉममें छपी एक खबर के अनुसार, जब आप कोई स्पोर्ट्स खेलते हैं, तो उससे मेंटल हेल्थ को कई तरह से लाभ पहुंचता है. इससे स्ट्रेस कम होता है. स्पोर्ट्स आपके दिमाग को शांत रखता है, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है. खेलना एक बेहतर फिजिकल और मेंटल एक्सरसाइज है. जब आप कोई भी आउटडोर गेम खेलते हैं, तो आपका शरीर एंडोर्फिन रिलीज करता है. यह मस्तिष्क में मौजूद एक केमिकल्स होते हैं, जो दर्द और तनाव को दूर करते हैं. ये स्ट्रेस हार्मोन, कोर्टिसोल और एड्रेनालाइन के स्तर को भी कम करते है.

मूड में होता है सुधार
गोल्फ या स्कीइंग जैसे खेल खेलने से आपको अपनी चिंताओं को कम करने और काम पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है. इससे दिमाग शांत होता है. रात में नींद भी बहुत अच्छी आती है. एंग्जायटी की समस्या कम होती है.

मेंटल डिसऑर्डर से होता है बचाव
गंभीर मानसिक बीमारी जैसे सिजोफ्रेनिया से बचाव हो सकता है. यदि आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, तो सिजोफ्रेनिया जैसी बीमारियों के लक्षणों को कंट्रोल करने में काफी मदद मिल सकती है.


डिप्रेशन से बचाए
स्पोर्ट्स डिप्रेशन से बाहर निकलने में भी मदद करता है. खेलने से डिप्रेशन के लक्षणों को कम किया जा सकता है. हालांकि, शुरुआती स्तर पर अवसाद के लक्षणों में एक्सरसाइज कारगर साबित हो सकती है, लेकिन किसी को गंभीर रूप से डिप्रेशन है, तो बेहतर है डॉक्टर से संपर्क करें.

खेलने से दिल रहे स्वस्थ
हृदय रोग आजकल कम उम्र के लोगों में भी बढ़ रहा है. ऐसे में जितना हो सके आप खेलों में भाग लें. प्रतिदिन आधे से एक घंटे कोई भी पसंदीदा गेम ज़रूर खेलें. इससे आप हृदय रोग से बचे रहेंगे, क्योंकि खेलने से हार्ट में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बना रहता है, जिससे ब्लड वेसल्स में भी कोई रुकावटें नहीं आएंगी.

शारीरिक रूप से होते हैं मजबूत
बच्चे तो हर दिन कोई ना कोई स्पोर्ट्स खेल ही लेते हैं, लेकिन वयस्कों को भी नियमित रूप से कोई भी एक खेल ज़रूर रूटीन में शामिल करना चाहिए. खेलने से आप शारीरिक और फिजिकली स्वस्थ और मजबूत बनते हैं. मांसपेशियों, हड्डियों, लिगामेंट्स, टेंडन के स्वस्थ विकास में मदद करता है.


बॉडी स्टैमिना बढ़ती है
यदि आप क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, हैंडबॉल, बैडमिंटन, कबड्डी आदि कोई भी एक खेल आधे से एक घंटे के लिए खेलते हैं, तो शरीर की स्टैमिना बढ़ती है. कोऑर्डिशन और शरीर का संतुलन बेहतर होता है. कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस दुरुस्त रहती है.

खेलने से वजन रहता है कंट्रोल
जो लोग मोटापे से ग्रस्त हैं या फिर जिनका वजन बढ़ रहा है, उन्हें भी कोई ना कोई खेल प्रतिदिन खेलना चाहिए, इससे मोटापा बढ़ने का रिस्क कम होता है. प्रतिदिन खेलने से वजन कंट्रोल में रहता है, बेली फैट कम होता है.


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