जानिए यह चार प्रकार की चाय जो संक्रमण घटाने के लिए व कई रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने में है सहायक
घर में रहते हुए खानपान से भी काफी हद तक इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सकता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस के मामले बढ़ रहे हैं। इनके मामले बढ़ने की वजह कमजोर इम्यूनिटी भी है। घर में रहते हुए खानपान से भी काफी हद तक इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सकता है। काढ़ा और आयुर्वेदिक चाय भी इसे बढ़ाने के बेहतर विकल्प हैं। तुलसी, अश्वगंधा, मसाला और लेमन-टी भी रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है।
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट्स, लखनऊ के एक्सपर्ट आशीष कुमार बता रहे हैं घर पर आयुर्वेदिक चाय कैसे बनाएं और इनके फायदे...
तुलसी चाय: कफ, खांसी, जुकाम और अस्थमा में फायदेमंद
तुलसी की पत्तियों की चाय बनाने के लिए इसकी ताज़ी पत्तियां, सूखे हुए पत्ते या पाउडर को भी इस्तेमाल किया जा सकता है। तुलसी की चाय कफ, खांसी, जुकाम, अस्थमा या ब्रॉन्काइटिस से राहत दिलाती है। तुलसी की चाय में ऐसे तत्व होते हैं जो कफ और बलगम से छुटकारा दिलाते हैं। साथ ही साथ तुलसी की चाय में एंटिसेप्टिक, एंटिऑक्सिडेंट्स और एंटिबैक्टीरियल खूबियां हैं।
तुलसी की चाय बनाने के लिए सबसे पहले एक गिलास पानी उबाल लें, फिर 8 से 10 पत्तियां तुलसी की डालें। अब चाहें तो जरूरत के मुताबिक इसमें थोड़ी सी अदरक और इलायची पाउडर भी मिला सकते हैं। 10 मिनट तक इसे उबलने दें, फिर छान लें। इसमें स्वादनुसार शहद या नींबू का रस डालकर पिएं। तुलसी की चाय में दूध या चीनी न डालें तो अच्छा है क्योंकि ऐसा करने पर इसके औषधीय गुणों में कमी आ जाती है|
अश्वगंधा चाय: सूजन और संक्रमण को घटाती है
अश्वगंधा एक औषधीय पौधा है, इसकी जड़ का प्रयोग चाय बनाने में किया जाता है, लेकिन आजकल इसकी पत्तियों की चाय का प्रचलन बढ़ा है। आयुर्वेद के मुताबिक, अश्वगंधा की जड़ या पत्ती से बनी चाय पीने से रोगों से लड़ने की क्षमता मजबूत होती है। इसकी जड़ में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीवेनम, एंटीइंफ्लेमेट्री और एंटीट्यूमर खूबियां होती हैं।
अश्वगंधा की चाय बनाने के लिए अश्वगंधा की जड़, शहद और नींबू की जरूरत होती है। एक गिलास पानी में एक इंच लंबी अश्वगंधा की जड़ डालकर उबाल लें। पानी उबल जाए तो उसे छान कर कप में डाल लें। अब इसमें एक छोटा चम्मच शहद और स्वादानुसार नींबू का रस मिला लें। अश्वगंधा चाय बच्चों, बुजुर्गों और महिलाएं सभी के लिए फायदेमंद है।
नींबू चाय: सिरदर्द, गले की खराश और सूजन दूर करती है
नींबू की चाय में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। यह सूजन, बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन से बचाती है। लेमन-टी में चायपत्ती, नींबू का रस और चीनी मिलाकर तैयार करते हैं। नींबू ना केवल स्वाद बढ़ाता है बल्कि रंग भी बदलता है। इसकी चाय में विटामिन-सी अधिक मात्रा में मिलता है जो रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है और संक्रमण से लड़ता है। यह सर्दी, खांसी, सिरदर्द और गले की खराश में भी राहत देता है। लेमन ग्रास की पत्तियों से भी
लेमन-टी बना सकते है।
मसाला चाय: फफूंद और बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाती है
अगर आप चाय के शौकीन हैं तो मसाला चाय आपके लिए बेहतर विकल्प है। यह सेहतमंद भी रखेगी और चाय की जरूरत भी पूरी करेगी। मसाला चाय को बनाना बहुत आसान है चाय-पत्ती और दूध के उबलते पानी में काली मिर्च, सोंठ, तुलसी, दालचीनी, छोटी इलायची, बड़ी इलायची, लौंग, पीपरामूल, जायफल, जायपत्री और लौंग का मसाला डालते हैं।