जानें दालचीनी के ये चमत्कारी फायदे

Update: 2022-09-04 09:47 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।दालचीनी को अंग्रेजी में सिन्नमन (cinnamon) कहा जाता है। यह श्रीलंका एवं दक्षिण भारत में प्रचुर मात्रा में मिलती है। दालचीनी के छाल का मसाले में प्रयोग किया जाता है। एक अलग ही खुशबू होने के कारण इसे गरम मसालों की श्रेणी में रखा गया है। गरम मसालों में दालचीनी का उपयोग भारत में हजारों वर्षों से होता आ रहा है।

दालचीनी को वंडर स्पाइस भी कहते हैं। एक ओर जहां ये खाने का स्वाद बढ़ाने के काम आता है वहीं सेहत के लिहाज से भी इसके बहुत से फायदे हैं। सेहत और खूबसूरती दोनों ही चीजों के लिए दालचीनी का इस्तेमाल किया जाता है। दालचीनी में मौजूद कंपाउंड कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। जो सेहत और खूबसूरती दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं।

पाचन विकार के लिए

पाचन में सुधार लाने के लिए इन 4 अलग-अलग तरीकों से दालचीनी का उपयोग कर सकते है।

अपच, पेटदर्द और सीने में जलन महसूस होने पर आप दालचीनी, सौन्ठ, जीरा और इलायची सम मात्रा में लेकर पीसकर गरम पानी के साथ ले सकते हैं।
दालचीनी, काली मिर्च पावडर और शहद आदि मिलाकर भोजन के बाद लेने से आपकी पाचनतंत्र सही रेहती हैं।
दालचीनी से जी मचलना, उल्टी और जुलाब रुकते है।
कब्ज और गैस की समस्या कम करने के लिये दालचीनी के पत्तों का चूर्ण और काढा बना कर लिया जा सकता है।
जुकाम के लिये

चुटकी भर दालचीनी पावडर पानी में उबालकर, उसीमे चुटकी भर काली मिर्च पावडर और शहद डालकर लेने से सर्दी-जुकाम, गले की सुजन एवं मलेरिया कम हो जाता है।

स्त्री रोग

गर्भाशय के विकार और गनोरिया में दालचीनी का उपयोग किया जाता है।
प्रसव के बाद एक महिने तक दालचीनी का टुकडा चबाने से गर्भ धारणा को टाला जा सकता है।
दालचीनी से माता के स्तन का दूध बढ़ता है।
गर्भाशय का संकुचन होता है।
खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए

दालचीनी के पत्ते और छाल के उपयोग से केक, मिठाई और खाने का स्वाद बढाया जाता है।
दालचीनी का तेल इत्र, मिठाई और पेय में उपयोग किया जाता है।
ह्रदय रोग के लिए

इसका चूर्ण भोजन में लिया जाये तो आपकी धमनियों में कोलेस्टरोल जमा नहीं होता है और ह्रदय रोग से बचाव हो सकता है। हृदय की धडकन में शक्ति का समावेश होता है। बढे हुए कोलेस्टरोल को इससे कम किया जा सकता है।

डायबिटीज

वैज्ञानिको के खोज के द्वारा पता चला है कि दालचीनी का रोजाना सेवन करने से डायबिटीज से बचाव होता है।

मोटापे के लिए

दालचीनी की पावडर के सेवन से शरीर की अनावश्यक चर्बी समाप्त होती है और अधिक केलोरीवाला भोजन लेनेपर भी शरीर में चर्बी नहीं बढती है।

एचआइवी

एचआइवी में प्रतीकारक शक्ति कम होती है जिसे बढ़ाने में दालचीनी सहायक है।
इन प्रभावों की पुष्टि करने के लिए मानव परीक्षणों की आवश्यकता है।
कैंसर

आमाषय और अस्थि केंसर की बढी हुई स्थिति को दालचीनी के उपयोग से पूरी तरह काबू में किया जा सकता है।

स्वास्थ्य पर शक्तिशाली प्रभाव

दालचीनी में सिनामाल्डीहाइड नामक यौगिक (compound) की होने के कारण इसका अलग गंध और स्वाद रहता है। दालचीनी में पाये जानेवाले इस घटक की सेवन की वजह से शारिरीक स्वास्थ्य पर पॉवरफुल प्रभाव देखा जा सकता है।


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