जानिए ब्रेस्ट कैंसर के खतरे का लक्षण और कैसे करें इससे अपना बचाव

उभार या गांठ बनने पर ही व्यक्ति को पता चलता है कि इसे ब्रेस्ट कैंसर है

Update: 2020-10-24 14:13 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कैंसर ऐसी बीमारी है जो एक जगह से शुरू होकर बढ़ते-बढ़ते दूसरी जगह तक फैल जाती है। शरीर में कैंसर बहुत पहले शुरू होता है, लेकिन इसकी पहचान कई सालों बाद हो पाती है, क्योंकि सामान्य तौर पर इंसान को देखकर यह नहीं बताया जा सकता कि उसे कैंसर है। ब्रेस्ट कैंसर भी इसी प्रकार का एक प्रमुख कैंसर है।

सालों पहले यह कोशिकाओं में बनना शुरू होता है, जिसके बाद हजारों, लाखों की संख्या में कोशिकाएं बढ़ती जाती हैं। बाद में ये ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। उभार या गांठ बनने पर ही व्यक्ति को पता चलता है कि इसे ब्रेस्ट कैंसर है। हर साल अक्टूबर माह को ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। मुम्बई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल के एक्सपर्ट डॉ. विनय देशमाने बता रहे हैं ब्रेस्ट कैंसर को कैसे समझें और कैसे बचाव करें...


जांच कराकर खतरा टाला जा सकता है

  • आमतौर पर शुरुआती स्टेज में स्तन कैंसर के कोई लक्षण नहीं पाए जाते। ट्यूमर इतना छोटा भी हो सकता है कि वह महसूस न हो। ट्यूमर होने का पहला संकेत अक्सर स्तन पर होने वाली गांठ ही होता है। इसे सेल्फ एक्जामिन भी किया जा सकता है। ब्रेस्ट या इसके कुछ हिस्से या कोई स्राव, बांह में सूजन या गांठ इसके लक्षण हो सकते हैं।
  • पोषण युक्त संतुलित भोजन, नियमित एक्सरसाइज, शरीर का सही वजन...ये कुछ तरीके हैं, जिनसे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो सकता है। इसी तरह बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराना भी महिलाओं को इस खतरे से दूर रखता है। इलाज इस पर निर्भर करता है कि कैंसर किस स्टेज पर है और कितना फैला है। ट्यूमर कितना बड़ा है। उपचार का सबसे आम तरीका सर्जरी है। इसके अलावा कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी या हार्मोन थेरेपी से भी इलाज होता है।
  • जॉन हॉपकिंस की एक रिपोर्ट के अनुसार- अगर समय रहते ब्रेस्ट कैंसर का पता चल जाए तो 98% तक खतरा कम हो जाता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं को 40 की उम्र के बाद सालाना मैमोग्राम (एक तरह की जांच) टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। खबर में जॉन हॉपकिंस मेडिसिन, दि ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी (1990-2016), राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर से भी तथ्य जुटाए गए हैं।


सभी को कीमोथैरेपी की जरूरत नहीं

ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रहे लोगों में सर्वाइवल रेट काफी अधिक है। इसका सबसे बेहतर इलाज सर्जरी है। यह सबसे ज्यादा कारगर है। दूसरी सबसे जरूरी बात है कि सभी को कीमोथेरेपी देने की जरूरत नहीं होती है। कीमोथेरेपी बहुत महंगा ट्रीटमेंट होने के बावजूद बहुत कारगर नहीं है। इसमें सबसे अहम है- समय रहते बीमारी की पहचान।

ब्रेस्ट कैंसर की 4 स्टेट को ऐसे समझें

  • स्टेज 0 : यह कैंसर से पहले की स्थिति है। कैंसर काेशिकाएं स्तन के डक्ट्स में रहती हैं। आसपास के ऊतकों में नहीं पहुंचती हैं। यानी कैंसर का खतरा बना रहता है।
  • स्टेज 1 : ट्यूमर का आकार 2 सेमी से बड़ा नहीं होता। लिम्फ नोड्स प्रभावित नहीं होते।
  • स्टेज 2 : ट्यूमर का आकार 2 सेमी से छोटा होता है, लेकिन कैंसर लिम्फ नोड्स तक फैल जाता है। ट्यूमर का आकार 2-5 सेमी तक भी फैल सकता है।
  • स्टेज 3 : इस स्थिति में ट्यूमर का आकार 5 सेमी से बड़ा नहीं होता, लेकिन यह आसपास के ऊतकों तक फैल चुका होता है। कैंसर छाती या त्वचा तक भी फैल सकता है।
  • स्टेज 4 : ट्यूमर का आकार कितना भी हो सकता है। यह लिम्फ नोड्स तक फैल चुका होता है। लिम्फ नोड्स यानी कैंसर के शरीर के अन्य भागों तक पहुंचने का रास्ता।
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