जानें ब्रेन ट्यूमर होने की मुख्य वजह और क्या है इसके लक्षण
ब्रेन का सही तरीके से काम करना हमारी ओवरआल हेल्थ को दर्शाता है. ब्रेन शरीर का बहुत अहम आर्गन है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्रेन का सही तरीके से काम करना हमारी ओवरआल हेल्थ को दर्शाता है. ब्रेन शरीर का बहुत अहम आर्गन है जो हमारे शरीर के सभी अंगों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है. किसी कारणवश सिर पर चोट लगना और उसे नजरअंदाज करना किसी बड़ी बीमारी को न्यौता देना है. कई बार सिर की पुरानी चोट धीरे-धीरे बढ़कर ब्रेन ट्यूमर का रूप ले लेती है. चोट के कारण सिर में ब्लड क्लॉट होने का खतरा ज्यादा होता है. समय रहते यदि यह क्लॉट सही नहीं होते तो गांठ में तबदील हो जाते हैं और ब्रेन ट्यूमर बन जाता है.
ब्रेन ट्यूमर कई बार खतरनाक हो जाता है, जिसका इलाज संभव नहीं होता. जानें ब्रेन ट्यूमर होने की मुख्य वजह और क्या है इसके लक्षण.
क्या है ब्रेन ट्यूमर
हेल्थलाइन के अनुसार जब ब्रेन में कई असामान्य सैल्स एक जगह इकट्ठे होकर गांठ का रूप ले लेते हैं तो वह ब्रेन ट्यूमर कहलाता है. ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं. बिनाइन ट्यूमर और मैलिग्नेंट ट्यूमर. बिनाइन ट्यूमर एक ही जगह पर सीमित रहता है जो स्वास्थ के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं होता. वहीं मैलिग्नेंट ट्यूमर कैंसर का रूप ले लेता है. यदि इसका इलाज समय रहते नहीं कराया जाए तो यह अन्य अंगों में भी फैल जाता है.
जानें ब्रेन ट्यूमर के कारण
– ब्रेन ट्यूमर के कई कारण हो सकते हैं जिसमें से एक है सिर पर चोट या घाव. सिर की चोट यदि अंदरूनी है तो वह धीरे-धीरे बड़े घाव का रूप ले सकती है जिस वजह से ब्रेन ट्यूमर हो सकता है.
– कई बार कैंसर हमें आनुवंशिक रूप से विरासत में मिलता है. यदि परिवार में किसी को ब्रेन ट्यूमर या कैंसर है तो वह बच्चों में भी ट्रांसफर हो सकता है.
– ब्रेन ट्यूमर का खतरा उम्र के साथ भी बढ़ जाता है. अधिक उम्र में ब्रेन का फंक्शन स्लो हो जाता है. शरीर के अन्य आर्गन भी सही ढंग से काम नहीं करते. ऐसे में ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा अधिक होता है.
– कई बार किसी कैमिकल और रेडिएशन की वजह से भी ब्रेन ट्यूमर हो जाता है. यदि आप कैमिकल फैक्ट्री या रेडिएशन के संपर्क में आते हैं, जिसका सीधा असर आपके दिमाग पर होता है तो भी ब्रेन कैंसर हो सकता है.
-अधिक अल्कोहल और सिगरेट का सेवन भी ब्रेन ट्यूमर का कारण हो सकता है.
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
अधिक सिर दर्द रहना
सुनने में कठिनाई होना
उल्टी आना
चक्कर आना
दौरा पड़ना
मूड स्विंग होना
भूख न लगना