हाइपरटेंशन : भारत में मौतों की प्रमुख वजह
दुनिया भर में 1.13 अरब लोग इस पुरानी स्थिति के साथ जी रहे हैं. भारत में, अनुपचारित और अनियंत्रित रक्तचाप (BP), अकाल मृत्यु और विकलांगता की एक प्रमुख वजह बन गया है. भारत में 15-49 वर्ष की आयु की पांच में से तकरीबन एक महिला ने हाइपरटेंशन का निदान नहीं किया है, जिसका व्यक्तिगत और प्रजनन स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है.भारत में हाइपरटेंशन के बारे में जागरूकता कम है जबकि उचित उपचार और नियंत्रण और भी कम है. ज्ञात और अनुपचारित हाइपरटेंशन को हृदय रोग और संबंधित मौतों के लिए हाई जोखिम कारक के रूप में स्थान दिया गया है. जब तक ब्लडप्रेशर को मापा नहीं जाता, हाइपरटेंशन का पता नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं. डॉक्टरों और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हाइपरटेंशन के उपचार और प्रबंधन को भारत के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता के रूप में मानने का स्पष्ट आह्वान किया.हाई ब्लडप्रेशर का मतलब है कि हृदय को ब्लड पंप करने के लिए ज्यादा कोशिश करनी पड़ती है. ये बल ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है जिससे दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक, गुर्दे की क्षति या तंत्रिका क्षति हो सकती है.
हाइपरटेंशन : हाई ब्लडप्रेशर से निपटने के उपाय
इसलिए यहां हम विशेषज्ञों के जरिए सुझाए गए कुछ स्वस्थ सुझावों के साथ हैं जिन्हें आप ब्लडप्रेशर को कम करने के लिए अपनी जीवन शैली में शामिल कर सकते हैं :
आइडियल शरीर के वजन को बनाए रखें, बहुत ज्यादा शुगर वाले फूड आइटम्स से बचें
ब्लडप्रेशर को कम करने के लिए हर दिन 30 मिनट तेज चलने की सलाह दी जाती है.
हर दिन 2 से 5 ग्राम तक सोडियम क्लोराइड का सेवन कम करें.
फूड लेबल पढ़ें. नमक प्रीजर्व्ड फूड्स जैसे मांस, हैम, सॉसेज और स्मोक्ड मछली से बचना चाहिए.
ज्यादा नमक वाले भोजन जैसे चिप्स, पापड़, नमकीन मेवे और नमकीन पॉपकॉर्न से बचना चाहिए.
सोडियम वाले फूड्स जैसे केचप, सॉस, अचार, चटनी, प्रोसेस्ड फूड्स जैसे पनीर और नमकीन मक्खन फूड वर्धक MSG को आहार में शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
भोजन को ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए कई तरह की जड़ी-बूटियों और मसालों, नींबू, सिरका, इमली, प्याज, लहसुन, अदरक का इस्तेमाल किया जा सकता है.
साबुत अनाज, साबुत दालें और लीन प्रोटीन जैसे मछली और मुर्गी चुनें.
तलने से बचने के लिए खाना पकाने की विधि बेकिंग, ब्रोइलिंग, रोस्टिंग, स्टीमिंग होनी चाहिए.
सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल वाले फूड्स से बचें. अखरोट, अलसी जैसे ओमेगा 3 फैटी एसिड को शामिल करें.
स्किम्ड दूध और प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें.
फल और सब्जियां खूब लें.
शराब का सेवन सीमित करें.