जानिए कितनी कीमत है कोवीशील्ड और कोवैक्सीन, क्या वायरस होंगे इससे दूर

कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो चुकी है।

Update: 2021-01-16 10:36 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्ककोरोना वायरस महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो चुकी है।इस अभियान के तहत 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसमें सबसे पहले 3 करोड़ कोरोना वारियर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके बाद 50 वर्ष से अधिक उम्र और किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को टीका दिया जाएगा। हर एक व्यक्ति दो वैक्सीन लगाई जाएगी। ये दोनों वैक्सीन भारत में बनी हैं। पहली वैक्सीन का नाम कोवीशील्ड है जो पुणे में बनी है। वहीं, दूसरी वैक्सीन का नाम कोवैक्सीन है। कोवैक्सीन हैदराबाद में बनी है। आइए, कोवीशील्ड और कोवैक्सीन की कीमत और क्षमता के बारे में सब कुछ जानते हैं-

वैक्सीन को कैसे मिली स्वीकृति?

कोवैक्सिन और कोवीशील्ड दोनों वैक्सीन्स को बड़े पैमोने पर ख़तरे को देखते हुए एमर्जेंसी में स्वीकृति दी गई है, जैसा कई दूसरे देशों में भी किया गया है। डॉक्टर्स का मानना है कि ये दोनों वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित हैं।

वैक्सीन के विकास का तरीका

फाइज़र और मॉडर्ना जैसी ग्लोबल वैक्सीन, जो mRNA टेक्नोलॉजी पर आधारित है, भारत की दोनों वैक्सीन्स पारंपरिक तरीके से बनाई गई हैं। कोवीशील्ड या AZD-1222 एक वायरल वेक्टर का उपयोग करता है, जो सामान्य कोल्ड वायरस (एडेनोवायरस) के कमज़ोर स्ट्रेन से बना है, जिसमें SARS-COV-2 के समान आनुवंशिक सामग्री शामिल है। इसका टीका लगने पर शरीर की सुरक्षा स्पाइक प्रोटीन को पहचानती है और संक्रमण से बचने के लिए एंटीबॉडी तैयार करती है।

इसी तरह, कोवैक्सीन को वायरस के एक निष्क्रिय संस्करण का उपयोग करके बनाया गया है, यानी वैक्सीन वायरस की दोहराने की क्षमता को निष्क्रिय करती है, लेकिन उसके जीवन को बचाए रखती है, ताकि प्रतिरक्षा प्रणाली पर्याप्त रूप से प्रतिक्रिया दे सके जब वायरस संपर्क में आए या भविष्य में शरीर पर हमला करे।

निष्क्रिय वैक्सीन का इस्तेमाल कई सालों से वैक्सीन निर्माता करते आए हैं। वायरस और रोगजनकों से लड़ने के लिए वर्षों से इसका उपयोग किया जा रहा है- जिसका अर्थ है कि एक हद तक, निष्क्रिय वैक्सीन सुरक्षित और विश्वसनीय होती हैं।

 कोवीशील्ड और कोवैक्सीन की क्षमता

हाल ही में हुए नए अध्ययन के अनुसार, कोवैक्सीन और कोवीशील्ड दोनों वायरस को जड़ से ख़त्म करने में बहुत प्रभावी हैं। क्लीनिकल ट्रायल मे दोनों वैक्सीन के अच्छे परिणाम दिखे गए।

क्या इनके साइड-इफेक्ट्स हैं?

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूद वैक्सीन के कई साइड-इफेक्ट्स सामने आए हैं, जिन्होंने चिंता बढ़ाई है। कई लोगों ने एलर्जी रिपोर्ट की है और भी कई तरह की रिएक्शन रिपोर्ट किए जा चुके हैं। हालांकि, भारतीय मेडिकल प्राधिकारियों ने हाल ही में स्वीकृति प्राप्त वैक्सीन्स की तुलना मॉडर्ना और फाइज़र से करते हुए कहा कि कोवैक्सीन और कोवीशील्ड दोनों ही टीके सुरक्षित और साइड-इफ़ेक्ट फ़्री हैं।

 वैक्सीन को 100 प्रतिशत सुरक्षित माना जा रहा है, लेकिन हल्का बुख़ार, दर्द और एलर्जी जैसे साइड-इफेक्ट देखे जा सकते हैं, जो आमतौर पर सभी वैक्सीन में देखे जाते हैं। इसलिए चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। खासतौर, पर अफवाहों पर यक़ीन न करें और जो भी सवाल है उनके जवाब पाने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

वैक्सीन्स की कीमत क्या है?

ये दोनों वैक्सीन भारत में बनी हैं, इसलिए किफायती और सस्ते टीके सभी के लिए उपलब्ध होंगे। अधिकारियों ने पहले चरण में प्राथमिकता वाले समूह के लिए मुफ्त टीकाकरण की योजना की घोषणा की है, हालांकि, दोनों ही वैक्सीन बाकी वैक्सीन की तुलना में सस्ती हैं।

कोवीशील्ड के एक शॉट की कीमत 250-400 रुपए के बीच होगी, वहीं भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन की कीमत 200 रुपए से भी कम हो सकती है। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

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